-मिथिला गुरु-शिष्य परंपरा से है परिचत, इसे आगे बढ़ाने की जरूरत
-विज्ञान के ज्ञान से सामान का होता है सही उपयोग : प्रो. शशिनाथ झा
-सीएम साइंस कॉलेज में दो दिवसीय ओरिएंटेशन-कम-वर्कशॉप का हुआ सफल समापन।
#MNN@24X7 दरभंगा। देश की प्रगति में क्षेत्रीय भाषाओं का अहम योगदान है। पूर्व में मैथिली सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान को लेकर काफी कार्य हुए हैं। वर्तमान में मैथिली में विज्ञान को लेकर काफी कार्य करने की जरूरत है। मिथिला गुरु-शिष्य परंपरा से परिचित है, इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है।
उक्त बाते केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की स्वायत्त संस्था ‘विज्ञान प्रसार’ एवं सीएम साइंस कॉलेज, दरभंगा के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय ओरिएंटेशन-कम-वर्कशॉप के दूसरे दिन सोमवार को समापन समारोह को संबोधित करते हुए डीवाआई पाटिल विश्वविद्यालय, पुणे के कुलपति प्रभात रंजन झा ने कही।
कुलपति ने कहा कि वर्तमान में संवाद का माध्यम बदल गया है। विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन को इस वर्कशॉप के माध्यम से जानने की कोशिश की गई है। वर्कशॉप से निकले निष्कर्ष से ब्रेन-टू-ब्रेन संवाद स्थापित करने की कोशिश की जाएगी। प्रो. रंजन ने कहा कि साइंस पत्रकारिता शुरू करके विज्ञान के क्षेत्र में बच्चों में जागरूकता पैदा की जाएगी। भाषाएं लिमिट करने की चीज नहीं है। बच्चे जिनती भाषाओं पर पकड़ बनाएं, उनका मानसिक विकास उतना ही होगा। आज के दौर में मातृभाषाओं की परिभाषा भी बदल गई है।
‘हैंड्स ऑन साइंस फॉर टीचर्स इन मैथिली लैग्वेंज’ विषय पर विचार रखते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने कहा कि भाषा संवाद का एक माध्यम है। आज का युग विज्ञान का है। मैथिली भाषा में प्राचीन लेख को संकलन करने की जरूरत है। विज्ञान के ज्ञान से ही सामान का सही उपयोग होता है। नवीन विषय पर कार्य करने से समाज को काफी लाभ प्राप्त होगा। वर्कशॉप से निकले निष्कर्ष को स्मारिका का रूप देने से समाज इसका ज्यादा लाभ उठा सकेगा।
वर्कशॉप में सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक डॉ. बुझावन यादव, महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा और विज्ञान शिक्षक रवि रौशन कुमार ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार रखे।
सीएम साइंस कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. दिलीप कुमार चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि विज्ञान प्रसार विभाग के सहयोग के कारण मैथिली भाषा में विज्ञान का प्रसार-प्रचार हो रहा है। अगर सीएम साइंस कॉलेज और विज्ञान प्रसार विभाग के बीच मैथिली में विज्ञान के प्रसार को लेकर यह महत्वपूर्ण करार नहीं हुआ होता यह वर्कशॉप आयोजन नहीं हो पाता। इसके लिए मैं विज्ञान प्रसार विभाग के निदेशक नकुल पराशर, वरिष्ठ वैज्ञानिक कपिल त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया गुरु माववर्धन कंठ और वर्कशॉप में शामिल हुए सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
वर्कशॉप का संचालन डॉ. सत्येन्द्र कुमार झा, डा आर्यिका पाॅल और डॉ. सुषमा रानी ने बखूबी साथ मिलकर किया। कार्यक्रम में कॉलेज के सभी शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।