भारत को बचाने के लिए भाजपा को सत्ता से हटाना होगा:-मिथिलेश झा
#MNN@24X7 दरभंगा-30 दिसंबर, दुनिया में जितने भी संसाधन मौजूद हैं। उसे पर सभी प्राणियों का समान अधिकार है। सभी संसाधनों पर सभी का समान अधिकार दिलवाने के लिए ही कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की गई थी। दुनिया में कोई भी चीजों का निर्माण श्रम के बिना संभव नहीं हो सकता इसीलिए जो श्रम कर करेगा उसे उसका उचित मूल्य मिलना चाहिए। सभी को समान अधिकार दिलवाना ही कम्युनिस्ट आन्दोलन का उद्देश्य है। हमारे देश की सभ्यता भी सभी को समान अधिकार देने की थी। लेकिन समाज के विकास के दौरान ऐसे कई अराजक व्यक्तियों का उदय हुआ जो समाज के अंदर शोषक बन गए। समाज के अंदर दूसरे के अधिकार का हनन करने वालो के खिलाफ बोलना ही साम्यवादी विचार है। दुनिया के अंदर जहां-जहां साम्राज्यवादी लोग दूसरे के संसाधनों का दुरुपयोग अपने सुख सुविधा के लिए करने लगे तो दुनिया के अंदर कम्युनिस्ट पार्टियों का निर्माण हुआ और साम्राज्यवादी से मुक्ति मिली। इसी कड़ी में 26 दिसंबर 1925 ई को भारत के अंदर कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना भारत के अंदर उस समय के साम्राज्यवादी अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन तेज करने के लिए की गई थी। कम्युनिस्ट पार्टी का मुख्य उद्देश्य भारत से साम्राज्यवादी अंग्रेजी शासन को भागकर भारत को सशक्त बनना था। आज देश के प्रगति में कम्युनिस्ट पार्टी की अपनी महत्व भूमिका है। आज भारत जो नयी ऊंचाइयों को छू रहा है। उसमें कम्युनिस्ट पार्टी के संघर्ष को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। कम्युनिस्ट पार्टी ही एक ऐसी पहली पार्टी थी जो देश के अंदर अंग्रेजों के खिलाफ पूर्ण स्वराज का आंदोलन चलाकर देश को आजाद करवाया। आंदोलन के उपरांत देश के अंदर देश के मेहनतकस आवाम, किसान-मजदूर, छात्र-नौजवान, महिला को उनके हक-हकूक दिलाने के लिए संघर्षरत है। उक्त बातें आज अजय भवन जिला कार्यालय के प्रांगण में आयोजित पार्टी के 98 स्थापना दिवस समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय परिषद सदस्य विद्यासागर गिरि ने कहीं।
वहीं मौके पर उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय परिषद सदस्य मिथिलेश झा ने कहा कि हमारी सभ्यता वसुदेव कुटुंबकम की रही है। जिस वसुदेव कुटुंबकम का मतलब है कि यह पूरी दुनिया एक परिवार के समान है और जिस परिवार में सभी को समान अधिकार है। लेकिन वर्तमान सरकार हमारी सभ्यताओं पर चोट कर इस समाज के अंदर जहर फैलाने का काम कर रही है। इस देश की सभ्यता रही है की अंग्रेजी शासको का सेनापति हिंदू और हिंदू शासको का सेनापति मुस्लिम रहता था। लेकिन आज इस सरकार ने हिंदू को मुसलमान के खिलाफ मुसलमान को हिंदुओं के खिलाफ अगरी जाति को पिछरी जाति के खिलाफ पिछरी जाति को अगरी जाति के खिलाफ मन में द्वेष भर दिया है। भाजपा इस देश को एक बारूद का गोला बना दिया है जो कभी भी विस्फोटक हो सकती है। वर्तमान समय में पार्टी के साथियों का प्रमुख कर्तव्य है कि हम भारत को बचाने के लिए भाजपा से इस देश के सत्ता से मुक्ति दिलवाना है। हम 2024 में भारत से भाजपा का सुपरा साफ कर इस देश के अंदर अमन चैन, शिक्षा, रोजगार, रोटी, कपड़ा, मकान की बात करने वाले लोगों को सत्ता में स्थापित करने का काम करेंगे। मौके पर पार्टी के जिला सचिव नारायण जी झा पार्टी के 98 वर्षों के संघर्षों को रखा।
उन्होंने कहा कि पार्टी का झंडा पार्टी के नेताओं के लहू का रंग है जो इस देश के लिए अपना बलिदान दिए उनके खून से सनाया हमारा झंडा जब तक इस देश से भुखमरी गरीबी अशिक्षा बेरोजगारी नहीं खत्म होती है तब तक इसी तरह लहराते रहेगी। हमारा गौरवशाली इतिहास रहा है। हमारे नेता अपने जान देकर इस देश को बचाई है। मिथिलांचल के अंदर भोगेंद्र झा, चतुरानन मिश्र, तेज नारायण झा, जैसे कई वीर सपूत पैदा हुए जो देश की आजादी में अपना अहम योगदान देकर इस को आजाद करवाया आजादी के उपरांत भी आजीवन इस देश की सेवा करते रहे। वही स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता शब्बीर अहमद बेग ने की। स्थापना दिवस के मौके पर कॉमरेड भोगेन्द्र झा चौराहा पर स्थित पार्टी के पूर्व सांसद स्वतंत्रता सेनानी कॉ० भोगेन्द्र झा के स्मारक पर माल्यार्पण किया। वहीं पार्टी कार्यालय में शहीद बेदी पर पुष्पांजली किया।
मौके पर पार्टी के जिला सह सचिव राजीव चौधरी, रामनरेश राय, कोषाध्यक्ष सुधीर कुमार, किसान सभा के जिला महासचिव अहमद अली तमन्ने, शत्रुघ्न झा, चन्द्रेश्वर सिंह, हरेश कुमार सिंह ,आनंद मोहन, सुधीर कुमार राय, ललित मिश्र, एआईएसएफ के राज्य सह सचिव शरद कुमार सिंह, जिला सचिव शशिरंजन सिंह, जिला अध्यक्ष अरशद सिद्दकी, लोहा सिंह, गौतम कांत चौधरी, रामचरित राम, शैलेन्द्र मोहन ठाकुर, चन्द्रकिशोर झा, मणिकांत झा, रामश्रृंगार सिंह, सुरेन्द्र नारायण मिश्र, शंभू कुमार मिश्र, शिव कुमार सिंह, अधिवक्ता दिलिप कुमार मिश्र, जीवछ पंडित, सुखदेव महतो, राणा जवाहर सिंह, लाल बिहारी भगत, विद्या देवी, सुकुमारी देवी, रजवन देवी, हरेकृष्ण राम, आदि ने संबोधित किया।