मृतक रोगी को नहीं देखने देता था परिजनों को।
शक होने पर परिजन ने पुलिस बुलाया फिर लाश को बाहर निकाला।
घटना की जांच कर चिकित्सक पर हो कारबाई अन्यथा आंदोलन- सुरेंद्र।
स्थानीय लोगों ने कहा इस अस्पताल में होती रहती है ऐसी घटनाएं।
#MNN@24X7 समस्तीपुर, 6 जून,मानवता को शर्मसार कर देने वाली इस घटना में ईलाज के नाम पर दो दिन से रोगी की लाश को आईसीयू में रखा गया। मिली जानकारी के अनुसार परिजनों को रोगी से नहीं मिलने दिया जाता था। शक होने पर परिजनों ने नगर पुलिस को बुलाया, फिर आईसीयू खोलवाने पर रोगी की लाश हुईं बरामद।
यह मामला शहर के मोहनपुर रोड स्थित डा० प्रभाकर कुमार एवं डा० गुड्डी कुमारी द्वारा संचालित रेणू ईमरजेंसी अस्पताल का है जहाँ पारिवारिक कलह से बीमार गोपालपुर ( कल्याणपुर) के इंद्रजीत कुमार की 20 वर्षीय पत्नी प्रिति कुमारी को 3 जून को भर्ती कराया गया था। परिजनों ने बताया कि चिकित्सक की लापरवाही से रोगी की स्थिति बिगड़ती चली गई। अंततः 5 जून को रोगी की मृत्यु हो गई। लेकिन भारी भरकम बिल बनाने के कारण परिजनों से रोगी की मृत्यु को छिपाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार परिजनों को अस्पताल के बाउंसर रोगी को देखने नहीं देता है। इसके बाद रोगी के घर से मंगलवार को लोग जुटकर आये फिर भी रोगी से उन्हें मिलने नही दिया गया।
इसी बीच चिकित्सक ने 98 हजार का बिल थमाकर पैसा जमा करने का कहा। शक होने पर हो- हंगामा पर उतारु परिजन नगर पुलिस का घटना की जानकारी दिया। नगर पुलिस अस्पताल पहु़ंचकर जब आईसीयू खोलबाई तो रोगी का शव बरामद हुआ। मौके से चिकित्सक, दवा दुकानदार, कंपाउंडर आदि फरार हो गया। आक्रोशित परिजनों स्थानीय लोगों को ईकट्ठा कर चिकित्सक पर कारबाई की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। नगर पुलिस ने कारबाई का आश्वासन देकर जाम समाप्त कराया।
मौके पर भाकपा माले स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया की इस अस्पताल में ऐसी घटना की लगातार शिकायत मिलती रहती है। उन्होंने कहा कि मृतक का लाश जप्त कर 98 हजार रूपये वसूलना मानवता को शर्मशार करने वाली घटना है। माले नेता ने इसकी जाँच कर कारबाई की मांग अन्यथा आंदोलन चलाने की घोषणा की है।