-15 दिन के भीतर मशीनों के इस्टालेशन का कार्य करें पूरा
-अगले मंगलवार को अस्पताल निर्माण को ले मजदूरों की संख्या कितनी बढ़ी, अवगत कराने का निर्देश
-स्वास्थ्य मंत्रालय के वित्तीय सलाहकार व एम्स के डिप्टी डायरेक्टर ने सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल व निर्माणाधीन एम्स का लिया जायजा
-सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल को 220 में से 120 बेड की हो चुकी आपूर्ति
दरभंगा,16 अप्रैल। स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के वित्तीय सलाहकार निलांबुज शरण व पटना एम्स के डिप्टी डायरेक्टर परिमल सिन्हा ने शनिवार को डीएमसीएच परिसर में निर्माणाधीन सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल व एम्स प्रस्तावित स्थल पर हो रहे मिट्टीकरण का जायजा लिया। दोनों अधिकारियों ने अस्पताल के निर्माण को लेकर हो रही देरी को लेकर हाइटस के अधिकारी से कई सवाल- जवाब किये। कई साल बीतने के बावजूद काम पूरा नहीं होने पर संवेदक को कड़ी फटकार लगायी। इस दौरान निलांबुज ने हाइटस के अधिकारी को हर हाल में आगामी दो माह में काम पूर्ण करने का निर्देश दिया। साथ ही मरीजों के लिये जीवन रक्षक मशीन को 15 दिन के भीतर इंस्टाल कर रिपोर्ट करने को कहा। इस संबंध में श्री शरण ने संवेदक को कहा कि अगले सप्ताह मंगलवार तक काम को पूरा करने के लिये कितने मजदूर बढ़ाया, इससे अवगत कराने का निर्देश दिया। निलांबुज ने डीएमसी के प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा व अधीक्षक डॉ एचएस मिश्रा को कार्य पर नजर रखने को कहा। इस दौरान प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा व अधीक्षक ने काम में देरी को लेकर संवेदक की लापरवाही का जिक्र किया। दिल्ली से आये अधिकारी को जानकारी देते हुये कहा कि संवेदक दिये गये समय पर काम नहीं पूरा कर सकते हैं। इससे पहले कई बार मंत्री से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आये, लेकिन निर्धारित तिथि तक कार्य पूरा नहीं हो सका। बता दें कि दोनों अधिकारी सुबह 11.30 बजे डीएमसी कार्यालय पहुंचे। निरीक्षण के बाद दोपहर बाद 3.30 बजे सर्किट हाउस के लिये रवाना हो गये।
सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के लिये 43.5 करोड़ के उपकरण की हो चुकी आपूर्ति:
विदित हो कि बैठक के दौरान एक सवाल के जवाब में हाइटस के अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के लिये अधिकांश उपकरणों की आपूर्ति हो चुकी है। कहा कि कुल 47 करोड़ के उपकरण की खरीद होनी थी। अब तक 43.5 करोड़ के मेडिकल उपकरण मुहैया करा दी गयी है। मात्र करीब दो करोड़ इक्यूमेंट की आपूर्ति होनी बाकी है। बता दें कि अस्पताल में प्रयुक्त होने वाले सभी उपकरण उपलब्ध करा दी गयी है। अधिकांश मशीन 2018 से रखे- रखे खराब हो गयी हैँ। उसे फिर से दुरुस्त किया जा रहा है। इसमें सीटी स्कैन व अन्य मशीन शामिल हैं । वहीं अस्पताल के लिये 220 में से 120 बेड उपलब्ध करा दी गयी है। इसमें से 50 बेड आईसीयू के लिये दिये गये हैं।