दरभंगा।’द स्पौटलाइट थिएटर दरभंगा द्वारा विश्व रंगमंच दिवस से हिन्दी रंगमंच दिवस तक, अर्थात् आगामी 27 मार्च से 3 अप्रैल 2022 तक चलनेवाला आयोजन अष्टदल इस बार भी स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कामेश्वर नगर, इन्द्रभवन के पास दरभंगा में आज से आरंभ होने जा रहा है।
कार्यक्रम के पहले दिन नुक्कड़ नाटक की शुरुआत की जाएगी। इसके बाद अष्टदल द्वारा इस साल से अरुण कुमार झा स्मृति सम्मान की शुरुआत की जाएगी और इस बार यह रंगसर्जक सम्मान रंगमंच के सुस्थापित हस्ताक्षर हीरालाल राय को दिया जाएगा और रंगश्रेष्ठ सम्मान श्री इन्द्रभूषण रमण को दिया जाएगा जो रंगमंच के विभिन्न विधाओं के सुपरिचित चेहरा हैं।
इसके बाद अनुदित काव्यपाठ की प्रस्तुति प्रणव कुमार राजा, सुभाष कुमार, उज्जवल राज और निकिता गुप्ता द्वारा किया जाएगा।
दूसरे दिन 28 मार्च को गीतनाद कार्यक्रम का आयोजन होना है जिसमें लोकगीत, शास्त्रीय व उपशास्त्रीय गीतों की प्रस्तुति दरभंगा और बाहरी कलाकारों द्वारा दी जाएगी।
तीसरे दिन 29 मार्च को नाट्य विधा को समर्पित एक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। इसमें दीपक सिन्हा,अमर जी राय, डॉ.चैतन्य प्रकाश, मृत्युंजय प्रसाद, सचिन कुमार सादृश्य विद्वान अपना विचार प्रस्तुत करेंगे।साथ ही रंगनायक, बेगूसराय की नाट्य प्रस्तुति ‘अमृतसर आ गया है’ का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
30 मार्च को अनेक लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाएगा और फ़िल्म निर्देशकों से दर्शकों की सीधी बातचीत भी हो पाएगी।
31 मार्च को कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें उदय चंद्र झा ‘विनोद’, दिलीप कुमार झा, रमेश, अशोक कुमार मेहता, अखिलेश कुमार झा सहित कई स्थापित और युवा कवियों की कविताओं का आनन्द श्रोता ले सकेंगे।
01 अप्रैल को विभिन्न संस्थाओं द्वारा नृत्य प्रस्तुतियां होगी। उसके बाद 02 और 03 अप्रैल को नाट्य प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा जिसमें मोहन मुरारी लिखित व निर्देशित नाटक ‘अभिशप्त देवव्रत’ सागर सिंह लिखित व निर्देशित नाटक ‘प्यासा’ प्रमुख है।
आठ दिवसीय यह आयोजन दरभंगा और सम्पूर्ण मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को दृश्य पटल पर प्रस्तुत करने का एक गरिमामयी अनुष्ठान है। संस्था के सचिव सागर सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण यह आयोजन दो वर्षों तक बाधित रहा, किन्तु इस बार ‘द स्पौटलाइट थिएटर’ अपने पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ अपनी बहुरंगी आयोजन के साथ अपने दर्शकों और श्रोताओं के साथ रू-ब-रू है।