दरभंगा। मिथिला ही नहीं पूरे भारत की संस्कृति मे पर्यावरण संरक्षण को अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। हमारे यहां तो हमारी सुबह की शुरुआत तुलसी को जल अर्पित करने के साथ होती है। हम धरती,आकाश,नदी, पर्वत आदि सहित उन सभी चीजों की पूजा करते हैं जिससे जीवन में कोई लाभ मिलता है। न सिर्फ उसे पूजते हैं अपितु उसे सम्मान की दृष्टि से देखते ही हैं। शिक्षित समाज तो यह जानता भी है,मानता भी है और तदनुसार आचरण भी करता है। आधुनिकता की अंधी दौड़ में जब हमारी पीढ़ी विज्ञान और तकनीक के पीछे भागते भागते यह भूलने लगा है कि हमें पर्यावरण को बचाने की भी कोशिश करनी चाहिए।
ऐसी स्थिति में रंगमंच का यह दायित्व बनता है कि वह समाज को जागरूक बनाए तथा पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को आगे बढ़ाए। ‘द स्पौटलाइट थिएटर दरभंगा’ के रंगकर्मियों ने ये बीड़ा उठाया और सागर सिंह लिखित व निर्देशित नुक्कड़ नाटक ‘धरा बसुंधरा’ की प्रस्तुति दी।जिसमें प्रस्तुति सहयोग अमर जी राय का था। स्थानीय रामबाग गेट के पास ‘द स्पौटलाइट थिएटर दरभंगा’ के कलाकारों ने दमदार नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति से लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी तथा पर्यावरण संरक्षण पर लोगों को सोचने के लिए विवश कर दिया। इस नुक्कड़ नाटक मे सिमरन, तन्नू,नेहा, संध्या, अमित, विशाल,किसुन, आर्यन सहित सभी ने प्रभावित किया।
उसके बाद अनुदित कविताओं का वाचन
प्रणव कुमार राजा, निकिता कुमारी, सुभाष कुमार एवं उज्जवल राज ने आकर्षक ढंग से किया।
इस प्रकार अष्टदल के आगाज से ही यह एहसास हो गया कि आठ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव की सारी प्रस्तुतियां एक से बढ़कर एक होनेवाली है।