दरभंगा समाहरणालय मे हेरिटेज सेल की आवश्यकता। दरभंगा के जिलाधिकारी के साथ एक अनौपचारिक विमर्श के दौरान धरोहर प्रेमियों द्वारा मांग की गई है कि मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रलेखन एवं प्रसारण हेतु समाहरणालय में एक हेरिटेज सेल स्थापित की जाय।मिथिला की धरोहर को प्रलेखन होने से इसके संरक्षण संवर्द्धन मे सहायता मिलेगी तथा पर्यटकों को भी अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जा सकता है।
सीतामढ़ी से आये लखनदेई बचाओ अभियान समिति के पदाधिकारियों ने मिथिला की प्राकृतिक धरोहर लखनदेई को पुनर्जीवित करने मे सहयोग करनेवाले दरभंगा के जिलाधिकारी राजीव रौशन, जो पूर्व मे सीतामढ़ी के जिलाधिकारी रह चुके हैं ,के प्रति आभार प्रकट किया तथा अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने सीतामढ़ी मे आयोजित होनेवाली धरोहर संरक्षण से संबंधित एक संगोष्ठी मे भाग लेने हेतु भी आमंत्रित किया ।
प्रतिनिधि मंडल मे समिति के अध्यक्ष रामशरण अग्रवाल, आशा प्रभात, विनोद कापड़ि ,राम शंकर शास्त्री तथा महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर संग्रहालय,दरभंगा के अध्यक्ष डा शिव कुमार मिश्र शामिल रहे।
मिथिला शोध संस्थान के दुर्लभ पाडुलिपियों का जिलाधिकारी द्वारा बुधवार को अवलोकन किया गया था इस संबंध में डा मिश्र के द्वारा जिलाधिकारी से आग्रह किया गया कि उक्त शोध संस्थान की दुर्लभ पांडुलिपियों की संरक्षण एवं डिजीटलाईजेशन हेतु राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से आग्रह किया जाय जिसे जिलाधिकारी द्वारा स्वीकार कर लिया गया तथा इसके लिए भरसक प्रयास करने का आश्वासन दिया गया। डा मिश्र ने उन्हें बताया कि इन्टैक द्वारा पांडुलिपियों की हजारों पन्नों को निशुल्क संरक्षित किया गया है। अब अगर संस्थान चाहेगी तो सशुल्क संरक्षण किया जा सकता है।
डा मिश्र ने पटना मे आयोजित होने वाली लखनदेई प्रयास कार्यक्रम में भी शामिल होने के लिए जिलाधिकारी से आग्रह किया। बैठक के पश्चात धरोहरसेनानियो द्वारा संग्रहालय का परिभ्रमण किया गया तथा मिथिला की धरोहर संरक्षण हेतु एक विमर्श हुआ जिसमें संग्रहालयाध्यक्ष के अलावा चंद्र प्रकाश, डा अवनींद्र कुमार झा,डा सुशांत कुमार एवं मुरारी कुमार झा द्वारा भाग लिया गया।