प्रधानाचार्य डा ऋषि की अध्यक्षता में आयोजित उद्घाटन समारोह में डा चौरसिया, डा विनोद, डा धर्मशिला व डा अशोक ने रखे विचार।
एनएसएस युवाओं को सामाजिक सरोकार से जोड़कर कर्तव्यबोध के साथ ही कराता है व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास- डा चौरसिया।
एनएसएस समाजसेवा का बेहतर माध्यम जो छात्रों के लिए है काफी लाभदायक- डा दिनोद।
यदि राष्ट्र के युवा स्वस्थ होंगे तो समाज की अनेकानेक समस्याओं का होगा स्वत: निदान- प्रधानाचार्य।
दरभंगा। एनएसएस भारत सरकार की एक केन्द्रीय योजना है, जिसका छात्र जीवन में अत्यधिक महत्व है, क्योंकि इससे उन्हें समाज के बारे में जानने, उसकी समस्याओं से रूबरू होने तथा उनके निदान का का अवसर प्राप्त होता है। एनएसएस का मूल उद्देश्य समाजसेवा के माध्यम से युवाओं के व्यक्तित्व- विकास एवं चरित्र का निर्माण करना है। यह छात्रों को सामाजिक सरोकार से जोड़कर उन्हें कर्तव्यबोध कराता है तथा उनका सर्वांगीण विकास करने में भी सक्षम है।
उक्त बातें विश्वविद्यालय के प्रेस एवं मीडिया प्रभारी एवं पूर्व एनएसएस समन्वयक डा आर एन चौरसिया ने नागेन्द्र झा महिला महाविद्यालय, लहेरियासराय की एनएसएस इकाई के तत्वावधान में “स्वस्थ युवा- स्वस्थ भारत” विषयक सात दिवसीय विशेष शिविर के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कही।
डा चौरसिया ने कहा कि एनएसएस छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करने का महत्वपूर्ण माध्यम है। आज एनएसएस समाज की तस्वीर बदलने तथा सरकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने में बेमिसाल भूमिका निभा रहा है। उन्होंने शिविर लगाने के लिए महाविद्यालय परिवार तथा स्वयंसेविकाओं को बधाई एवं शुभकामना देते हुए शिविर की सफलता की कामना की।
दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डा विनोद बैठा ने कहा कि एनएसएस समाजसेवा का बेहतर माध्यम है जो छात्रों के लिए काफी लाभदायक है। इसके स्वयंसेवक तय लक्ष्य के अनुसार कार्य करते हैं। स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता, योगासन, खेलकूद तथा व्यायाम आदि आवश्यक हैं। सरकार द्वारा संचालित ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ भी सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय इकाई नियमित रूप से सक्रिय रहकर वर्ष में एक विशेष शिविर का जरूर आयोजन करें। एनएसएस के प्रमाणपत्रों के आधार पर कई वर्गों में नामांकन तथा नौकरी प्राप्ति में आसानी होती है। विशेष शिविर में भाग लेने वाले स्वयंसेवक ही राष्ट्रीय शिविर में भाग ले सकते हैं।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डा ऋषि कुमार राय ने कहा कि यदि राष्ट्र के युवा स्वस्थ होंगे तो समाज की अनेकानेक समस्याओं का स्वत: निदान हो जाएगा। पढ़ाई के साथ ही छात्राएं कुछ समय निकालकर समाजसेवा भी अवश्य करें। शिविर के दौरान छात्राएं समाज में जाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करेंगी। उन्होंने कहा कि एनएसएस छात्राओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मैं अपनी ओर से शिविर हेतु पूरा सहयोग करूंगा।
कार्यक्रम में डा शिव नारायण पासवान, पार्वती लक्ष्मी महिला कॉलेज, झंझारपुर की एनएसएस पदाधिकारी डा मनी कुमारी व हीरानाथ मिश्रा, भगवान झा, नीरज कुमार, राजेश कुमार सिंह व सूर्यकांत सिंह सहित 55 से अधिक छात्राएं उपस्थित थी। आगत अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र तथा पौधा प्रदान कर किया गया, जबकि स्वागत गान ललिता, लक्ष्मी, शिवानी व स्वाति कुमारी ने प्रस्तुत किया।
अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन करते हुए एनएसएस पदाधिकारी डा धर्मशिला गुप्ता ने 7 दिनों के शिविर की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि स्वच्छता, योगासन, चिकित्सा शिविर के साथ ही अनेक तरह की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा, जबकि 23 अगस्त को समापन के दिन सभी स्वयंसेविकाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। वहीं धन्यवाद ज्ञापन प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के अध्यक्ष डा अशोक कुमार झा ने किया।