#MNN@24X7 दरभंगा, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी बुधवार को अलीनगर विधानसभा क्षेत्र के हाटगाछी में आयोजित सदस्यता अभियान में भाग पहुंचे। जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस अवसर पर सम्राट चौधरी ने राजद नेता संजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह सहित दर्जनो महागठबंधन के कार्यकर्ताओं को भाजपा का सदस्यता दिलाया। इस अवसर पर जदयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सह भाजपा के वर्तमान नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह, दरभंगा, मधुबनी के सांसद के साथ भाजपा के विधायक व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
वही सदस्यता अभियान के बाद सम्राट चौधरी ने बिहार के बिगड़ते कानून व्यवस्था पर नीतिश सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि बिहार में बालू माफिया और शराब माफिया का राज चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा की मुख्यमंत्री क्रेडिट लेते है की हमने बिहार में शराब बंदी कर दिया है। लेकिन बिहार की जनता को शराबी किसने बनाया।
वही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। उस वक्त बिहार में 987 शराब की दुकानें थी। जब 2016 में उन्होंने शराबी बंदी का कानून लाया। उस वक्त 11 हजार से ज्यादा शराब की दुकानें थी। इसका मतलब साफ है कि बिहार की जनता को शराबी नीतिश कुमार ने बनाया। आज स्थिति ये है की बिहार में शराबबंदी के बाबजूद घर घर शराब की डिलीवरी हो रही है। जिसमे पुलिस प्रशासन के साथ ही सरकार भी शामिल है।
वही सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा की सूबे के मुखिया नीतीश कुमार आजकल फिल्म गजनी के हीरो की तरह भूलने की बीमारी हो गई है। जिस तरह गजनी फ़िल्म में फ़िल्म के किरदार को मेमोरी लॉस की बीमारी थी। फिल्म का किरदार बीच बीच में सारी बातों को भूल जाता है। ठीक उसी प्रकार इन्हे भी भूलने की बीमारी हो गई है।दरभंगा में ही नीतीश कुमार ने जल संसाधन विभाग के कार्यक्रम में अपने आप को प्रधानमंत्री बता दिया।
इसलिए हम सभी उनसे आग्रह करना चाहते है की नीतीश कुमार अब आप बूढ़े और बुजुर्ग हो गए है। आपकी आपकी याददाश्त भी जाने लगी है। आपसे अच्छे तो हुकुमदेव बाबू हैं। जो आपसे बड़े होने के बावजूद भी उनकी याद आ रही है। इसलिए अब आपको राजनीति छोड़ देनी चाहिए। वही उन्होंने कहा की नीतिश कुमार बिहार में कानून व्यवस्था को सुधारने के बदले बिगाड़ने में लगे हुए है।बिहार के जितने भी अपराधी जेल के अदंर बंद थे। उन्हे जेल से बाहर ला रहे है। जो बिहार के लिए काफी चिंताजनक बात है।