*प्राकृतिक संसाधनों का आने वाली पीढ़ी के हिस्से से उधार लेकर हम उपयोग करने को हो गए हैं मजबूर- प्रो विद्यानाथ*

*जल और हरियाली पृथ्वी के श्रृंगार, वृक्षारोपण एवं वर्षा जल संचय से कर सकते हैं पर्यावरण की सुरक्षा- डा चौरसिया*

*प्रधानमंत्री द्वारा 2014 में प्रारंभ नमामि गंगे कार्यक्रम दरभंगा के 363 गांवों में संचालित- फारुख इमाम*

*सरकारी कानून से नहीं, बल्कि जनजागरूकता से ही होगा पर्यावरण संरक्षण का सपना साकार- नूर रजा*

*भाषण प्रतियोगिता में रोहन कुमार, निबंध में सफीना महफूज तथा चित्रकारी में नीरज कुमार ने पाया प्रथम स्थान*

*प्रो विद्यानाथ झा, डा आर एन चौरसिया, फारुख इमाम, नूर फैशा रजा सहित 65 से अधिक व्यक्तियों की हुई सहभागिता*

*बाजितपुर- किलाघाट मोहल्ला में स्वच्छता अभियान, जागरूकता रैली, संगोष्ठी व प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन*

नेहरु युवा केन्द्र, दरभंगा के तत्वावधान में नमामि गंगे में युवाओं की भागीदारी कार्यक्रम के तहत विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों एवं अन्य युवाओं द्वारा पर्यावरण जागरूकता रैली निकाली गई। तदनंतर बागमती के घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाया गया। साथ ही इस अवसर पर सी एम कॉलेज के विद्यापति छात्रावास में संगोष्ठी सह भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला परियोजना पदाधिकारी नमामि गंगे फारुख इमाम ने किया, जबकि उद्घाटनकर्ता के रूप में सी एम कॉलेज के विद्यापति छात्रावास के वार्डन एवं संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ आर एन चौरसिया, मुख्य अतिथि पर्यावरणविद् एवं एमएलएसएम कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो विद्यानाथ झा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में मधुबनी जीविका की नूर फेशा रजा नेशनल रिसोर्स मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट मौजुद थे। मंच का संचालन राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक सुधा नंदन झा ने किया, अतिथियों का स्वागत पुरुषोत्तम चौधरी तथा धन्यवाद ज्ञापन मणिकांत ठाकुर ने किया।

भाषण प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ स्थान पर क्रमशः रोहन कुमार, नारायण जी साहू, सफीना महफूज तथा आमना हसीम रहे, जबकि निबंध प्रतियोगिता में सफीना महफूज ने प्रथम स्थान तथा पेंटिंग प्रतियोगिता में नीरज कुमार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इन सभी को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार स्वरूप पौधे भेंट की गई।

वहीं अन्य युवाओं को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक पुरुषोत्तम चौधरी, प्रशांत झा , मुकेश झा , मणिकांत ठाकुर, रोहन राम, पूजा कुमारी, संगीता कुमारी, हरेंद्र कुमार आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। अमरजीत, नीरज कुमार, गोविंद चौधरी, साक्षर कश्यप, सृष्टि कुमारी, मुकेश यादव, हसन रजा, मो० अब्दुल्ला, नारायण जी साहु, अमित शुक्ला, पप्पू, रोहित, रोहन, सुभाष, मुकेश, बजरंगी, बबलू, धीरज, चिराग, उज्ज्वल, पूजा, संगीता, प्रियंका तथा ज्योति आदि सहित 65 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।

प्रो विद्यानाथ झा ने कहा कि हमारा पर्यावरण ऐसा हो कि मानव सहित सभी जीव- जंतु सुरक्षित महसूस करें। मनुष्य द्वारा प्रकृति पर नियंत्रण करने की कोशिश का परिणाम भयावह हो गया है। अभी बिहार में करीब 15% ही हरियाली है, जिसे बढ़ाने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का हम आने वाली पीढ़ी के हिस्से से उधार लेकर उपयोग करने को मजबूर हो गए हैं। हम अपने लालच और अनियंत्रित जीवन शैली को बदलकर ही पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं।

डा आर एन चौरसिया ने कहा कि जल और हरियाली हमारी पृथ्वी के शृंगार हैं, जिन्हें वृक्षारोपण एवं वर्षाजल संचय द्वारा बचाकर हम पर्यावरण की सुरक्षा कर सकते हैं। जरूरत के हिसाब से भूमिगत जल के रिचार्ज नहीं होने के कारण ही दिनानुदिन भूजल का स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है जो खतरे की घंटी है। उन्होंने साहित्य में वर्णित पर्यावरण चेतना की चर्चा करते हुए कहा कि शास्त्रों में धरती व नदी को माता तथा पहाड़, पेड़- पौधे व सूरज- चांद आदि में भी देवत्व का भाव व्यक्त किया गया है, ताकि प्रकृति एवं पर्यावरण के प्रति हम जागरूक एवं संवेदनशील रह सकें।

फारुख इमाम ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 2014 में प्रारंभ नमामि गंगे कार्यक्रम दरभंगा के 363 गांव में स्वयंसेवकों के द्वारा संचालित हैं। उन्होंने सरकार द्वारा वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किए जाने की सुविधाओं की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इनके संरक्षण की जिम्मेवारी समाज के सभी लोगों की होगी। तभी हम स्वस्थ एवं स्वस्थ पर्यावरण का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने गंगा की स्वच्छता की शपथ सामूहिक रूप से सदस्यों को दिलाई।

नुर फेशा रजा ने कहा कि सिर्फ सरकारी कानूनों से नहीं, बल्कि जनजागरूकता से ही पर्यावरण संरक्षण का सपना साकार हो सकता है। हम आधुनिक बनने की होड़ में पेड़- पौधों को तेजी से काटे रहे हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। लोभ- लालच तथा अत्यधिक जनसंख्या वृद्धि के कारण पर्यावरण को विशेष क्षति हो रही है। इस अवसर पर विद्यापति छात्रावास में 50 से अधिक तथा अन्य स्थानों पर 200 से अधिक पौधारोपण किया गया।