‘नौ की लकड़ी एक का बोझ।’ अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने ऑब्जर्वरशिप के समापन समारोह में कहा कि अगर सारे कार्य बांटकर किए जाएं तो न सिर्फ उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि हर कोई अनुभव के साथ आगे बढ़ सकेगा।

एसएनसीयू का कार्य कठिन कार्यों में से एक है और इसमें सबकी सहभागिता की जरूरत है। ऑब्जर्वरशिप ट्रेनिंग के दौरान एक टीम के रूप में कार्य करने की ट्रेनिंग दी जाती है और प्रशिक्षित टीम ही किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक कर पाता है। डॉक्टर के एन मिश्रा विभागाध्यक्ष सह प्राचार्य ने कहा भारत और बिहार में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर कम करने में इस ट्रेनिंग का बहुत बड़ा योगदान है और अभी हमें बहुत लंबी लड़ाई लड़नी है।

एक बड़ा निर्णय लेते हुए अधीक्षक हरि शंकर मिश्रा ने शिशु विभाग के विभिन्न कार्यों का सम्यक बटवारा करने का निर्णय लिया और उन्होंने कहा यथाशीघ्र विभाग के सभी लोगों को दायित्व का पुनः निर्धारित किया जाएगा और शिशु विभाग को जन जन के लिए और उपयोगी बनाया जाएगा।

14 दिन चले इस आवासीय प्रशिक्षण में किशनगंज से डॉक्टर मोहम्मद साकिर आलम, नवादा से डॉक्टर प्रशांत कुमार, और डी एम सी एचसे से डॉक्टर हेमंत कुमार शामिल हुए। साथ ही किशनगंज की जीएनएम प्रियंका भारती, मधेपुरा की प्रितीश चंद्रा और नवादा की रेखा कुमारी ने भी प्रशिक्षण उपरांत प्रमाण पत्र प्राप्त किया। कार्यक्रम में डॉ अशोक कुमार, डॉक्टर एनपी गुप्ता, डॉक्टर रिजवान हैदर और डॉक्टर ओम प्रकाश ने भी अपने विचार व्यक्त किए।