पटना: पशु तस्करी के लिए पटना के पालीगंज का इलाका अब और बदनाम हो गया है. दुल्हिन बाजार थाना के ऐन खां गांव में प्रत्येक गुरुवार को बांग्लादेश-नेपाल तक के तस्करों के गुर्गे यहां पहुंचते हैं. पहले तो यह काम चुपके से होता था, प्रशासन दबिश देने की बात भी करता था, लेकिन अब तो दिनदहाड़े बेखौफ होकर किया जाता है. आज गुरुवार के दिन तो बवाल ही हो गया. कहा जा रहा है, अब पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. खबर ये है कि गुरुवार को ऐन खां में साप्ताहिक पशु मेले का आयोजन किया जाता है.

मेले का आयोजन करने की अनुमति किसने किसको दी, इस पर भी विवाद रहा है. कोई नागेंद्र यादव हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि इस मेले के संचालकों में मुख्य हैं. दागी किस्म के आदमी बताए जाते हैं, कई प्रकार के केस-मुकदमे भी हैं. पुलिस और प्रशासन पर आंख मूंदे रहने का आरोप ज्ञात-अज्ञात कारणों से लगता रहा है. लेकिन आज पशु तस्करी का सीधा प्रमाण एक बड़े राजनेता की ओर से पटना पुलिस को मिला है. और वह भी आंखों देखी, प्रमाण में तस्वीरों के साथ. हुआ यह कि पटना पुलिस को खबर देने वाले ऐन खां से ही गुजर रहे थे. तभी उनकी नजर मेले पर पड़ी. लेकिन, वहां बड़े-बड़े बख्तरबंद ट्रक कंटेनर देख वे चौंक पड़े.

ग्रामीण पशु मेलों में ऐसे मालवाहक कंटेनर का क्या काम. ग्रामीण पशु मेला तो स्थानीय होता है. पर, यहां दृश्य और भी भयावह दिखा. गाय-बैल-भैंस को उस कंटेनर में जबर्दस्ती ठेला जा रहा था. कंटेनर भी इतने बड़े कि एक के भीतर दर्जन भर जानवर ठूंस दिए जाएं और तो और कंटेनर पर नंबर के नाम पर सिर्फ 3101 लिखा था. ऊपर की पहचान को मिटा दिया गया था. जब लोगों ने कंटेनर की तस्वीरें लेनी शुरु की, तो भगदड़ मच गई. लोग भागने लगे. कंटेनर का ड्राइवर भी तेजी से कंटेनर लेकर रफ्फूचक्कर हो गया .अब पूरे घटनाक्रम की तस्वीरें पटना पुलिस को उपलब्ध कराई गई है. कंटेनर की जब्ती के लिए सभी थानों की पुलिस को अलर्ट किया गया है. माना जा रहा है कि कंटेनर की जब्ती से पशु तस्करी के बड़े कारोबार का पर्दाफाश हो सकता है.