#MNN@24X7 लखनऊ, पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या की बेवफाई की कहानी की गवाही उनके पति आलोक मौर्या की आखों से निकले आसुओं ने पूरे देश को दी। दर-दर भटकने के बाद एक तरफ जहां ज्योति मौर्या और होमगार्ड में कमांडेंट मनीष दुबे की प्रेम कहानी इन दिनों देश में चर्चा का विषय बनी हुई है।दरअसल, ये एक पति-पत्नी के बीच उलझते रिश्ते की कहानी है।पत्नी कड़वाहट के बीच जिंदगी में मूव ऑन करना चाहती है।शादी, प्यार, नफरत और विवाद के बीच आखिर किस चीज ने वर्षों पुराने रिश्ते में दरार ला दी।रिश्ता टूटने के पीछे क्या वजह है,गलतफहमी, आपसी मतभेद और विश्वासघात है या आलोक मौर्या का अपमानजनक बर्ताव।लोगों का मानना है कि अमूमन कोई अलग होने का रास्ता तब चुनता है जब दूसरा सारा रास्ता बंद हो जाता हैं।उम्मीद के रास्ते किसी दूसरी संभावना के उगने के रास्ते।
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्या का रिश्ता शादी के बाद 2022 तक ठीक ठाक रहा, लेकिन साल 2023 की शुरुआत होते ही संबंध में दरार आने लगी।ज्योति और आलोक एक-दूसरे पर संगीन आरोप लगाने शुरू कर दिए और ये एक पुलिस केस बन गया।
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या का मायका वाराणसी में है। ज्योति के पिता चक्की चलाते है।चक्की पर उनका पूरा परिवार निर्भर है।साल 2010 में ज्योति की शादी आलोक के साथ हुई थी।जब ज्योति की शादी हुई उस समय वो ग्रेजुएशन कर रही थीं। ज्योति ने शादी के बाद ग्रेजुएशन कंप्लीट किया।ज्योति पढ़ने में होशियार थीं, उनकी रुचि को देखते हुए आलोक ने उन्हें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने का फैसला लिया।ज्योति ने ससुराल में रहकर जब स्नातक कर लिया तो उनके पति आलोक ने उन्हें यूपीपीसीएस की कोचिंग के लिए प्रयागराज भेज दिया।ज्योति ने मेहनत रंग लाई।साल 2015 में ज्योति का चयन पीसीएस में हो गया। 2015 में ज्योति ने 16वीं रैंक हासिल की।ज्योति का जिस समय सेलेक्शन हुआ तो अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने ससुर और पति को दिया।
ज्योति के पति आलोक प्रयागराज के रहने वाले हैं। आलोक के पिता अध्यापक थे।कौशांबी में तैनाती के दौरान रिटायर हुए और अब प्रयागराज में रहते है।आलोक ने अपनी पढ़ाई प्रयागराज में पूरी की।ग्रेजुएशन के बाद परीक्षाओं की तैयारी भी,उसी बीच पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के तौर पर नौकरी मिल गई। पुलिस में सेलेक्शन हुआ, लेकिन किसी वजह से ज्वाइन नहीं किया।आलोक इमय समय प्रतापगढ़ जिले में पंचायती राज विभाग में कार्यरत हैं।
ज्योति ने कहा कि मैंने तलाक की अर्जी डाली है।अब पति से तलाक चाहिए। कोर्ट का जो भी आदेश होगा, वह मान्य होगा।ज्योति ने कहा कि पति आलोक ने 13 साल पहले झूठ बोलकर शादी की थी। उन्हें बताया गया था कि आलोक अधिकारी हैं, लेकिन अब पता चला कि वह सफाई कर्मचारी हैं।
ज्योति पीसीएस अधिकारी बनने के बाद कौशांबी, जौनपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और लखनऊ में तैनात रह चुकी हैं।इस समय ज्योति बरेली जिले के सेमीखेड़ी चीनी मिल में जीएम के पद पर हैं।ज्योति के शादी के बाद दो जुड़वां बेटियां हुईं, जो इस समय ज्योति के साथ रह रही हैं।
रिश्तों में दरार आई तो ज्योति के पति आलोक मौर्य ने पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए।आलोक ने कहा कि अधिकारी बनने के बाद ज्योति की दोस्ती पीपीएस अधिकारी मनीष दुबे से हो गई।गाजियाबाद में तैनात होमगार्ड कमांडेड मनीष दुबे पीपीएस अधिकारी है। वह भी शादीशुदा है।आलोक ने कहा कि मनीष ज्योति से शादी करना चाहता है।इसलिए ज्योति और मनीष ने मिलकर मुझे रास्ते से हटाने का पूरा प्लान बना लिया।इसी बीच ज्योति की वॉट्सएप चैटिंग हाथ लग गई, जिससे ये खुलासा हुआ।ज्योति और मनीष के बीच हुई बातचीत की वॉट्सएप चैटिंग वायरल हो गई।
आलोक मौर्य इस मामले की शिकायत लेकर 25 अप्रैल को थाने पहुंचे थे।लिखित शिकायत थाने में तैनात इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य से की, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। आलोक ने शिकायती पत्र में कहा था कि पिछले लंबे समय से पत्नी ज्योति बात नहीं कर रही है।कई बार घर में विवाद हो चुका है। इसके बाद ज्योति 7 मई को आलोक के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराने गई थीं। पुलिस ने उनका केस दर्ज कर लिया था।
आलोक ने एक डायरी की फोटो वायरल कर दी।आलोक ने कहा कि इस डायरी में वह सब है, जिस-जिस से ज्योति मौर्य वसूली करती थी। किस व्यक्ति से कितने लाख रुपये लिए, किससे कितने लेने हैं, इसका लेखा-जोखा डायरी में है।डायरी की तस्वीर वायरल होने के बाद आजाद अधिकार सेना ने कथित वसूली लिस्ट की जांच कराने की मांग की थी।आलोक ने कहा था कि इस वसूली लिस्ट में L का मतलब लाख और T का मतलब थाउजेंड है।यदि इसकी जांच करा दी जाए तो सारी चीजें खुल जाएंगी।
आलोक और ज्योति के विवाद में एक शादी का कार्ड भी वायरल हो गया। ज्योति ने यह कार्ड मीडिया के सामने लाकर रखा।इसमें आलोक के नाम के आगे जिला पंचायत अधिकारी लिखा है।ज्योति के पति आलोक ने कहा कि ये कार्ड मुझे फंसाने के लिए छपवाया गया।जब शादी हुई थी, तो उस समय ज्योति टीचर नहीं थीं, जबकि कार्ड में उनके नाम के आगे अध्यापिका लिखा है. यह पूरी तरीके से झूठ है।
(सौ स्वराज सवेरा)