दरभंगा। ल0ना0 मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के करीब तीन लाख छात्र छात्राओं का परीक्षाफल तत्काल प्रकाशित करने तथा स्नातकोत्तर विभागों में किए जा रहे नामांकन प्रक्रिया में भारी अनियमितता के विरोध में बिहार जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ राम मोहन झा के अध्यक्षता में विश्वविद्यालय मुख्यालय पर धरना दिया गया।

धरना स्थल पर एक सभा हुई, सभा को सम्बोधित करते हुए डॉ राम मोहन झा ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्नातक तथा स्नातकोत्तर के करीब तीन लाख परीक्षार्थी परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा में परेशान हैं। इसमें स्नातक प्रथम खंड 2020-23 के पौने दो लाख परीक्षार्थी, स्नातक द्वितीय खण्ड 2019-22 के परीक्षार्थी, स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर सत्र 2020-22 और स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर सत्र 2019-21 के लगभग एक लाख परीक्षार्थी का परीक्षाफल भी डाटा कंपनी के अड़ियल रवैए के कारण अब तक प्रकाशित नहीं किया जा सका है। विदित हो कि काफी विरोध के बाद डाटा कंपनी ने स्नातक तृतीय खंड सत्र 2018-21 का परीक्षाफल आधा अधुरा प्रकाशित कर दिया। लेकिन परीक्षाफल घोषित होने के पांच माह बीत जाने के वावजूद छात्रों का टीआर, अंक पत्र तथा अन्य प्रमाण पत्र महाविद्यालयों में भेजा नहीं जा सका है।

ज्ञातव्य हो कि पुरानी डाटा कंपनी के कारण परीक्षाफल प्रकाशित नहीं हो सका है। पूर्व कंपनी मेसर्स एनसीसीएफ आफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जिस पर विश्वविद्यालय थाने में अपराधिक मामला दर्ज कराया गया है। विदित हो कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा 13 अप्रैल को सुनवाई के दौरान संबंधित डाटा कंपनी के द्वारा संपूर्ण डाटा उपलब्ध नहीं कराने के कारण उपरोक्त कंपनी के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करा दिया गया है फिर भी डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया जिसके कारण तीन लाख छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया।

स्नातक से लेकर स्नातकोत्तर के छात्र छात्रा बाहर के विश्वविद्यालयों में नामांकन नहीं करा सके। विश्वविद्यालय प्रशासन तत्काल संज्ञान लेकर वरीय पुलिस पदाधिकारी तथा जिला प्रशासन से सहयोग लेकर परीक्षाफल का प्रकाशन करें। डॉ झा ने कहा कि 24.03.22 को अध्यक्ष छात्र कल्याण ने स्नातकोत्तर विभागों में नामांकन हेतु जो सूचना निकाली है उसमें औपबंधिक नामांकन लेने का निर्देश दिया। डॉ झा ने छात्र कल्याण अध्यक्ष से पूछा है कि क्या स्नातकोत्तर में औपबंधिक नामांकन का प्रावधान है? वहीं उन्होंने बिना सीएलसी एवं बिना अंक पत्र के ही नामांकन लेने का आदेश दिया है यह न्यायोचित है? इतना ही नहीं स्नातकोत्तर नामांकन की दूसरी सूची में महिला कालेज में छात्रों को सीट आवंटित कर दिया गया तथा प्रथम तथा द्वितीय सूची में भारी अनियमितता बरती गई है।

डॉ झा ने उपरोक्त सभी बिंदुओं को तत्काल संज्ञान लेने हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया है ताकि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो सके। धरनार्थियों को संबोधित करने वालों में प्रो ज्योति रमण झा, प्रो शशांक शेखर, प्रो अभय कुमार, डॉ कुशेश्वर सहनी, विष्णु देव सिंह, प्रो अब्दुल हादी सिद्दीकी, मो० नुरूल्लाह अंसारी, प्रो अंजनी कुमार सिन्हा, विपिन कुमार झा, अशोक कुमार वर्मा, डॉ चन्द्र कांत मिश्र, डॉ सुरेश राम, अनिल मिश्रा, प्रवीण कुमार मिश्र, नरेश कुमार मिश्र, डॉ आशुतोष कुमार वर्मा, प्रो प्रभात कुमार, डॉ शशि नाथ चौधरी शामिल थे।

विश्वविद्यालय की ओर से कुलानुशासक डॉ अजय नाथ झा, डीआर प्रथम डॉ कामेश्वर पासवान, परीक्षा नियंत्रक प्रो आनन्द मोहन मिश्र धरना स्थल पर आए तथा ज्ञापन में वर्णित बिन्दुओं पर धरनार्थियों से बात की ‌ धरनार्थियों ने इन पदाधिकारियों को पन्द्रह दिन का समय दिया है और कहा कि यदि पन्द्रह दिनों के अन्दर इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो विश्वविद्यालय पर आन्दोलन चलाया जाएगा जिसकी जबाबदेही विश्वविद्यालय प्रशासन पर होगी।