प्रेस विज्ञप्ति

समय पर एग्जाम, समय पर परिणाम, सहित नियमित वर्ग संचालन, केंद्रीय पुस्तकालय को समृद्ध करने के अलावे दर्जनों मांगों को लेकर आइसा कार्यकर्ताओं नें विश्वविद्यालय का घेराव किया।

भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त अधिकारियों को कुलपति अविलम्ब पदमुक्त करें – आइसा

24 सितम्बर 2
#MNN@24X7 दरभंगा : विश्वविद्यालय घेराव की शुरुआत विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय से हाथों में नारों से लिखित तख्ती लेकर सैकड़ों आइसा कार्यकर्ताओं नें आक्रोशपूर्ण मार्च निकाला जो मार्च करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के समीप पहुँचकर मार्च सभा में तब्दील हो गया। इस दौरान मार्च का नेतृत्व आइसा के राज्य सचिव सबीर, विश्वविद्यालय संयोजक मयंक यादव, समस्तीपुर आइसा के जिला सचिव सुनील कुमार, आइसा के राज्य पदाधिकारियों में अजय कुमार, लोकेश कुमार कर रहें थे।

इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन के छात्र विरोधी रवैया के खिलाफ छात्र नेताओं नें जमकर आक्रोशपूर्ण नारेबाजी किया जो इस प्रकार थे। भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारीयों को पदमुक्त करो, परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी क्यों कुलपति जवाब दो, विश्वविद्यालय के तमाम कॉलेजों में सभी विषयों की पीजी की पढ़ाई शुरू करो, सभी कॉलेजों में छात्रावास का निर्माण करो, सीएम लॉ कॉलेज में अविलम्ब नामांकन शुरू करो नारों।

विश्वविद्यालय घेराव के दौरान विश्वविद्यालय के अधिकारियों की टीम प्रदर्शन स्थल पहुंची। छात्र – छात्राओं से जुड़े मुद्दों पर कुलपति महोदय से प्रतिनिधि मंडल मिलाने का आश्वासन दिया गया। आइसा की 7 सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल कुलपति आवास पर जाकर अपने 20 सूत्री मांगों पर विस्तार पूर्वक वार्ता किया।
वार्ता के दौरान सभी मुद्दों पर विश्वविद्यालय के कुलपति व अन्य अधिकारियों नें आइसा नेताओं से सार्थक वार्ता हुई।

सभा को सम्बोधित करते हुए आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार नें कहां कि आइसा छात्रों के मुद्दों पर हमेशा अग्रणी भूमिका में खड़ा रहकर संघर्षों में रहती है। आइसा बिहार के तमाम विश्वविद्यालय के कुलपति के समक्ष छात्रों से जुड़े मुद्दों को एकत्रित कर घेराव के माध्यम से अपनी मांग रख रही है। इसी क्रम में आज ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का घेराव किया जा रहा है। मोदी सरकार की छात्र विरोधी नीतियों के कारण आज पूरे सैक्षणिक संस्थानों को व्यवसाय का केंद्र बना देने पर तुली हुई है। इसकी मार गरीब – मजदूर, किसानों के बच्चे प्रभावित हो रहें है और महंगी शिक्षा होने के कारण शिक्षा से लगातार गरीबों के बच्चे दूर जा रहें है। विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार फीस में बढ़ोतरी कर रही है। विश्वविद्यालय से लेकर कॉलेजों में बुनियाद आधारभुत संरचनाओं का घोर आभाव है। आइसा बेहतर शिक्षा के लिए हमेशा से संघर्ष करते रही आगे भी करती करेगी। हमारा प्रतिनिधि मंडल कुलपति से वार्ता किया है। सभी मुद्दों पर सम्मानजनक वार्ता भी हुआ है। हम उम्मीद करते है कि कुलपति मांगों को हल करने का प्रयास करेगें।

आइसा के विश्वविद्यालय संयोजक मयंक यादव नें कहां कि कुलपति महोदय भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारीयों को अविलम्ब पदमुक्त करें और लगातार परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी हो रही है। इसका जिम्मेदार डाटा सेंटर है। प्राइवेट डाटा सेंटर को हटाते हुए विश्वविद्यालय अपना डाटा सेंटर का निर्माण करते हुए उसको समृद्ध बनाने की मांग करते है। कुलपति से हमारे प्रतिनिधि मंडल की वार्ता हुई है। जो सम्मानजनक रहा है। अगर कुलपति महोदय हमारी मांगों को हल नहीं करते है तो छात्रहित में आइसा और बड़े आंदोलन में जाएगा।

विश्वविद्यालय घेराव में आरवाईए के राज्य सह सचिव संदीप कुमार चौधरी, आरवाईए नेता राजू, वही आइसा के मिथिलेश कुमार, रूपक कुमार, जयनारायण यादव, विपिन, फरहान, गोलू, संतोष, सुभास, धीरज, वाशीम, ऋतिक, मनीष, रामकुमार, आनंद, संदीप, गोविद, प्रवीण सहित सैकड़ो छात्र और आइसा नेता शामिल थे।