-जिलाधिकारी ने पोलियो ड्राप पिलाकर की अभियान की शुरुआत।
-पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान-जिले के 6.66 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का है लक्ष्य।
–एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा पिलाई जाएगी दवा।
–5 वर्ष तक के बच्चों को जरूर दें “दो बूंद जिंदगी की”।

#MNN@24X7 मधुबनी /28 मई, बच्चों में विकलांगता होने के प्रमुख लक्षणों में से एक पोलियो को जड़ से खत्म करने के लिए सदर अस्पताल में जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने बच्चे को पोलियो ड्राप पिलाकर अभियान की शुरुआत की। इस दरमियान यूनिसेफ के द्वारा जिला अधिकारी को फलदार वृक्ष दिया गया .अभियान 5 दिनों तक चलाया जाएगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के शरीर को लकवाग्रस्त कर देता है। चूंकि छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है, इसलिए उसे इस बीमारी से संक्रमित होने की सम्भावना अधिक होती है। इसे होने से पहले ही खत्म कर देने के लिए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी । उन्होंने जिले के सभी परिजनों से अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में जिला स्वास्थ्य विभाग को सहयोग करने की अपील की है ।

हर बच्चा पीये दवा इसलिए टीम है पूरी तरह तैयार :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसके विश्वकर्मा ने बताया पल्स पोलियो अभियान के तहत 28 मई से 5 दिनों तक चलने वाले चक्र में जिले के 8,22,755 घरों को लक्षित किया गया है। इस दौरान 6,66,240 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य है।

अभियान की सफलता के लिए टीम का हुआ गठन:

अभियान के सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम का गठन किया गया है
डोर टू डोर: 1954
ट्रांजिट टीम: 362
मोबाइल टीम: 116
सुपरवाइजर: 707
लक्षित घर: 8,22,755
लक्षित बच्चे: 6,66,240
नवजात शिशु :15,529
को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। प्रत्येक दल में एक आशा और एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगी। दवा पिलाने के बाद बच्चों और उनके माता -पिता का नाम, गृह संख्या आदि फार्म में भर कर अपने केंद्र में जमा करवाएँगी।

पोलियो अभियान का सर्वेक्षण करने के लिए संध्याकालीन बैठक में भाग लेने का निर्देश:

जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा के द्वारा जिले से लेकर प्रखंड स्तर तक के सभी अधिकारियों को अभियान की सघन पर्यवेक्षण करने तथा संध्या कालीन समीक्षा बैठक में भाग लेने हेतु निर्देशित किया गया है। जिला पदाधिकारी के द्वारा स्वयं प्रतिदिन इस अभियान की समीक्षा की जाएगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने वाले कर्मियों और अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिलाधिकारी ने सम्पूर्ण जिले के लोगों, जन प्रतिनिधियों तथा समाज सेवियों से बढ़ चढ़कर इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग देने की बात कही और देश को पोलियो मुक्त बनाए रखने में सहयोग की बात कही है।

लकवाग्रस्त बीमारी है पोलियो:

सिविल सर्जन डॉ.ऋषि कांत पांडे ने बताया कि पोलियो एक लकवाग्रस्त वायरस जनित रोग है। बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उसे पोलियो होने की सम्भावना ज्यादा है।यह बीमारी विशेष रूप से रीढ़ के हिस्सों व मस्तिष्क को ज्यादा नुकसान पहुँचाता है। इससे बचाव के लिए लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए। पोलियो ड्रॉप के साथ बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण भी करवाना चाहिए जो 12 जानलेवा बीमारियों से बचाए रखता है।