दरभंगा। संस्कृत विश्वविद्यालय में इंटेक संरक्षण संस्थान, लखनऊ की दो सदस्यीय टीम ने करीब 12 दिनों में 64 तरह की पांडुलिपियों का संरक्षण कार्य पूरा कर लिया।शुक्रवार को कुलपति डॉ शशिनाथ झा की उपस्थिति में टीम को विरमित कर दिया गया।केंद्रीय पुस्तकालय के विशेष पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार झा के संरक्षण में विश्वविद्यालय के मृतिका विभाग में 28 मार्च से 08 अप्रैल तक चले इस कार्य मे करीब आठ पाण्डुलियों का उपचारात्मक एवम 56 का सुरक्षात्मक कार्य किया गया। टीम में शामिल सदस्यों विनोद कुमार तिवारी एवं सुरेश सिंह ने काफी तन्मयता से संरक्षण कार्यों को सम्पादित किया।
पीआरओ निशिकांत ने बताया कि संरक्षित की गई दुर्लभ पाण्डुलियों में बगलामुखी स्तोत्र, अन्नपूर्णा स्तोत्र, भविषय पुराण,भगवत गीता, उर्वशी सम्वाद, विजय मुक्तावली समेत अन्य शामिल है।विरमिति के मौके पर कुलपति डॉ झा के अलावा डीन प्रो0 सुरेश्वर झा,डॉ दिलीप कुमार झा, डॉ महानन्द ठाकुर,केयर टेकर श्याम कुमार ठाकुर समेत टीम के दोनों सदस्य उपस्थित थे।