जीएम रोड ट्रिपल हत्याकांड कांड का सीबीआई जांच करो:- रामनरेश पांडेय
दरभंगा-20 फरवरी 2022 आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का एक शिष्टमंडल पार्टी के राज्य सचिव व पूर्व विधायक कॉमरेड रामनरेश पांडे के नेतृत्व में जीएम रोड ट्रिपल हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलकर उक्त घटना में अभी तक हुई कार्रवाई का जानकारी लिया।
शिष्टमंडल में सीपीआई के राज्य परिषद् सदस्य राम कुमार झा, शत्रुघ्न झा, जिला सचिव नारायण जी झा, किसान सभा के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी, पूर्व जिला अध्यक्ष अहमद अली तमन्ने, जिला सचिव विश्वनाथ मिश्र आदि थे। प्रतिनिधिमंडल ने पीड़िता से मिलकर अभी तक हुए पुलिस कार्रवाई पर असंतोष जाहिर किया और कहा कि मामले में संलिप्त सभी लोगों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। सिर्फ अभी मुख्य अभियुक्त शिव कुमार झा और अन्य लोग ही गिरफ्तारी हो पाई हैं। जबकि इस मामले में कुमार कपिलेश्वर सिंह सहित कई बड़े ब्यूरोक्रेट्स और डॉक्टर भी शामिल है। सभी को अभियुक्त बना कर पीड़िता का फिर से बयान लिखकर उक्त मामले पर जिला प्रशासन को कार्रवाई कर सभी दोषियों को स्पीडी ट्रायल चलाकर सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए। वहीं पार्टी के राज्य मंत्री ने पीड़िता निक्की झा से बात कर उन्हें इस मामले को राज्य सरकार के द्वारा सीबीआई से जांच करवाने पीड़िता को सरकारी नौकरी व 50 लाख मुआवजा दिलवाने की बात कही। पीड़िता ने भी पार्टी के राज्य मंत्री से अभिलंब अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई और न्याय की अपील की। राज्य मंत्री ने कहा कि मामला गंभीर है ऐसे मामलों में सरकार को अविलंब सीबीआई जांच की सिफारिश करनी चाहिए या नहीं तो सुप्रीम कोर्ट के किसी जज से मामले की जांच करवा कर इस में सम्मिलित सभी ब्यूरोक्रेट और सरकारी आदमी को कठोर से कठोर सजा दिलाई जाए। वही उन्होंने कहा कि अगर अविलंब इस मामले पर सरकार संतोषजनक कार्रवाई नहीं करती है तो हम लोग इस आंदोलन को और आगे बढ़ाएंगे पिछले दिनों सिर्फ दरभंगा को बंद किया था। अगर सरकार नहीं करवाई की तो पूरे बिहार में उग्र आंदोलन होगा। इस सरकार में किसी भी वर्ग के लोग सुरक्षित नहीं है। सरकार बिहार में हो रही घटनाओं पर गंभीर नहीं है। उन्होंने हाईकोर्ट से भी इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की। वहीं मौके पर उक्त घटना में शहीद हुऐ संजय झा और पिंकी झा के तैल्य चित्र पर पुष्पाजली कर श्रद्धांजलि दिया गया। ज्ञात हो कि मामला घटित होने के तुरंत बाद सीपीआई ने राजीव कुमार चौधरी के नेतृत्व में मामले की जांच के उपरांत ही आंदोलनात्मक कार्रवाई में लगी हुई है जिसके दबाव में प्रशासन ने ने मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार किया है।