दरभंगा। अपने जमाने के बेहद चर्चित आईपीएस अधिकारी रहे रामचंद्र खान के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने शनिवार को शोक जताया। संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने अपने शोक संदेश में उनके निधन को प्रशासनिक जगत के साथ-साथ मिथिला-मैथिली के लिए अपूर्णीय क्षति बताया. उन्होंने दिवंगत पुण्यात्मा को कड़क स्वभाव का अनुशासन प्रिय पुलिस अधिकारी, समाजसेवी और मिथिला-मैथिली के विकास का समर्पित हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व के लिए वे हमेशा जीवंत बने रहेंगे।
उनके निधन पर संवेदना जताते हुए संस्थान के अध्यक्ष सह कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शशिनाथ झा ने कहा कि मिथिला-मैथिली के विकास के असीम अनुरागी रामचंद्र खान ने अपनी तीव्र इच्छा शक्ति की बदौलत प्रशासनिक जगत मे अच्छा नाम कमाया.
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि रामचंद्र खान के निधन से मिथिला-मैथिली के विकास के लिए सतत चिंतनशील रहने वाला हितचिंतक हमसे सदा के लिए जुदा हो गया। संस्थान के सचिव प्रो जीवकांत मिश्र ने कड़क मिज़ाज पुलिस अधिकारी के रूप में उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया। वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने दरभंगा वाले आईएएस के नाम से फेमस रहे रामचंद्र खान को अनुशासित जीवन जीने वाला मिथिला-मैथिली के विकास को समर्पित समाज सेवी बताया।
मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि शौर्य दिवस के दिन अनुशासन पसंद पुलिस अधिकारी के रूप में चर्चित रही शख्सियत का यूं जाना उनकी शौर्य गाथा की याद हमेशा दिलाता रहेगा। शोक संवेदना व्यक्त करने वाले अन्य लोगों में डॉ महेंद्र नारायण राम, डा श्रीपति त्रिपाठी, हीरा कुमार झा, हरिश्चंद्र हरित, डॉ गणेश कांत झा, विनोद कुमार झा, प्रो विजयकांत झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढा भाई, डॉ उदय कांत मिश्र, डॉ महानंद ठाकुर, विद्यापति टाइम्स के विनोद कुमार, दुर्गानंद झा, आशीष चौधरी, पुरूषोत्तम वत्स आदि शामिल हैं।