– हाथी पांव गंभीर बीमारी फाइलेरिया के कारण होता है यह रोग
– सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध

मधुबनी/24 अगस्त, जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं इसे लेकर प्रखंड स्तर पर नाइट ब्लड सर्वे का काम भी शीघ्र शुरू किया जाएगा. इस संबंध में फाइलेरिया विभाग ने राज्य कार्यक्रम अधिकारी ने भी जिला वेक्टर बोर्न डिजीज पदाधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिए.

निर्देश में कहा गया है कि नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल की गाइडलाइन के आधार पर राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान कार्यक्रम के तहत “नाइट ब्लड सर्वे” का काम प्रखंड स्तर पर किया जाए नाइट ब्लड सर्वे की गतिविधि का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य प्रखंड स्तर पर फाइलेरिया व माइक्रोफाइलेरिया की दर को जानने के लिए है.

इसको लेकर मंगलवार को एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों ने हिस्सा लिया नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिए जाते हैं इसे प्रयोगशाला भेजा जाता है और रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है. फाइलेरिया का परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं इसलिए “नाईट ब्लड सर्वे ” से सही रिपोर्ट पता चल पाता है ताकि फाइलेरिया के संभावित मरीज का समुचित इलाज किया जा सके.

फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी बचने को जागरूकता जरूरी:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है यह नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज की श्रेणी में आता है फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे या गंभीर रूप देने लगता है इसकी नियमित और उचित देखभाल कर जटिलताओं से बचा जा सकता है उन्होंने यह भी बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा “सर्वजन दवा सेवन” कार्यक्रम चलाया जाता है इसमें आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाते हैं जिले में जल्द ही नाइट ब्लड सर्वे का काम आरंभ किया जाएगा इसके लिए जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है

हाथी पांव होने पर देखभाल जरूरी:

उन्होंने बताया फाइलेरिया के कारण हाथीपांव हो जाता है हाथीपांव होने पर उसे चोट या जख्म से बचाना जरूरी है इसके लिए एमएमडीपी कीट दिया जाता है हाथी पांव से पीड़ित लोग अपने नजदीक के किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सक से इसकी देखभाल की जानकारी ले सकते हैं हाथीपांव के शिकार लोगों के लिए एमएमडीपी किट दिए जाते हैं इस किट में हाथी पांव की देखभाल तथा साफ सफाई करने के लिए आवश्यक दवाइयां तथा अन्य वस्तु होते हैं देखभाल और उपचार की जानकारी लेकर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है फाइलेरिया मरीजों के लिए रोग प्रबंधन में एमएमडीपी किट काफी उपयोगी है.