#MNN@24X7 पटेढ़ी बेलसर, वैशाली, 17 अप्रैल, जन सुराज पदयात्रा के 197वें दिन की शुरुआत वैशाली प्रखंड अंतर्गत चिंतामणिपुर पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ चिंतामणिपुर पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा मतैया, करनेजी, बेलसर होते हुए पटेढ़ी बेलसर प्रखंड के चकगुलामुद्दीन पंचायत स्थित राजकृत्य उच्च माध्यमिक विद्यालय में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची।
आज प्रशांत किशोर वैशाली के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 2 आमसभाओं को संबोधित किया और 5 पंचायत के 10 गांवों से गुजरते हुए 10.9 किमी की पदयात्रा तय की।
शिक्षा के नाम 40 हजार करोड़ रुपए का बंदरबांट हो रहा, इसलिए बिहार के बच्चे कलेक्टर की जगह मजदूर बन रहे: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जितने लोग रहते हैं उनमें ज्यादतर लोगों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। आज स्कूल में पढ़ाई की कोई व्यवस्था ही नहीं है। आज बिहार में कुछ लोग पेट काट कर प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उन्हें शायद पता हो कि उनके बच्चें आखिर में कॉलेज जहां पढ़ने जाएंगे वो सरकारी ही होगा। आज स्कूलों में खिचड़ी और कॉलेजों में डिग्री बांटी जा रही है इससे ज्यादा कुछ नहीं हो रहा है, पढ़ाई दोनों में कहीं नहीं हो रहा है। बिहार के लोगों को सोचने की जरूरत है कि अगर आपके बच्चें पढ़ेंगे ही नहीं तो कलेक्टर की जगह मजदूर ही बनेंगे। इस गरीब बिहार में हर साल बिहार सरकार का 40 हजार करोड़ रुपये शिक्षा के नाम पर खर्च हो रहा है, जो शिक्षा के नाम पर बंदरबांट हो रहा है, यही कारण है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था बदल नहीं रही है।
आपने नेताओं को शिक्षा और रोजगार पर कभी वोट ही नहीं किया, इसलिए न तो आपको अपने बच्चों की चिंता है और नहीं यहां के नेताओं को: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली में आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों ने वोट दिया है, गुजरात के विकास की कहानियों को सुनकर तो गुजरात में फैक्ट्रियां लग रही हैं और बिहार के लड़के वहाँ जाकर मजदूरी कर ही रहे हैं। आप जिस मुद्दे पर वोट करते हैं वो कम ज्यादा आपको मिलता ही है। आपने अपने बच्चों के पढ़ाई और रोजगार के लिए कभी वोट किया ही नहीं है तो उनका जीवन सुधरेगा कैसे? यही बताने के लिए पैदल चल रहे हैं। मैं आपसे वोट मांगने नहीं आया हूं बस यह बताने आया हूं कि अगर आपको आपके बच्चों की चिंता नहीं होगी तो कोई दल कोई नेता आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा। बिहार के लोगों ने शिक्षा और रोजगार के अलावे हर मुद्दे पर पार्टियों को वोट दिया है, यही कारण है कि न आपको अपने बच्चों की चिंता है न नेता को आपके बच्चों की भविष्य की चिंता है, यही बताने के लिए गांवों-गांव पैदल चल रहे हैं।