#MNN@24X7 दरभंगा, संस्कृत विश्वविद्यालय में जारी आवासीय संस्कृत प्रशिक्षण वर्ग में प्रशिक्षुओं ने कमाल का प्रतिभा प्रदर्शन किया। प्रशिक्षण के पांचवें दिन शाम में 6 से सात बजे छात्रों को भाषा क्रीडा में एक श्वास से संख्या कथन सिखलाया गया। इसी क्रम में साग सब्जी खरीदने- बेचने व भाव मोल करने का अभिनय संस्कृत माध्यम से किया गया। क्रेता व विक्रेता के रूप में प्रशिक्षुओं ने काफी देर तक संस्कृत में वार्तालाप करते रहे।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि सोमवार को बौद्धिक सत्र में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त संस्कृत प्राध्यापक डॉ जयशंकर झा ने संस्कृतस्य प्रासंगिकता विषय पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने प्रशिक्षुओं को संस्कृत में बोलने के कई टिप्स दिए।
वहीं दूसरी तरफ दरबार हॉल में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए संचालित संस्कृत सम्भाषण वर्ग के चौथे दिन विभक्ति, दिनचर्या, संस्कृत में समय कथन, संस्कृत कथा एवं संख्या कथन का प्रशिक्षण दिया गया। इस वर्ग की विशेषता यह रही कि स्वयं कुलपति प्रो.लक्ष्मीनिवास पाण्डेय कर्मचारियों के साथ दर्शक दीर्घा में बैठकर प्रशिक्षण का अवलोकन करते रहे।
साथ ही आवश्यकतानुसार प्रशिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी वे आवश्यक दिशा-निर्देश देते रहे। वहीं, कार्यक्रम के संयोजक डॉ रामसेवक झा के अनुसार प्रशिक्षण वर्ग में संस्कृत सम्भाषण के अलावा उत्तम जीवन यापन करने की कला को भी सिखाया जाता है।