छात्रहित में पारदर्शिता के साथ व्यापक डिजिटल फोर्म हेतु विश्वविद्यालय बदलाव के पथ पर अग्रसर- कुलपति।
ऑनलाइन मार्किंग व्यवस्था से परीक्षा परिणाम में शीघ्रता के साथ ही छात्रों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालय को भी होगी सुविधा- प्रति कुलपति।
प्रधानाचार्य पूरी संजीदगी व गंभीरता से तकनीकी रूप से दक्ष एवं विश्वसनीय व्यक्तियों से कराएं पोर्टल संबंधित कार्य- कुलसचिव।
#MNN@24X7 विकास के लिए गतिशीलता आवश्यक है। जो जकड़ा हुआ है, उसकी प्रगति अवरुद्ध हो जाती है। किसी भी क्षेत्र में जीवन्तता बदलाव से ही संभव है। आज हमारा विश्वविद्यालय बिहार में एक नव बदलाव का वाहक बन रहा है। उक्त बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग द्वारा जुबली हॉल में “प्रायोगिक/ मौखिक की परीक्षा के अंक पत्र पोर्टल के माध्यम से तैयार करने के निमित्त” आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कही।
कुलपति ने कहा कि व्यापक छात्रहित में डिजिटल फॉर्म हेतु विश्वविद्यालय बदलाव के पथ पर अग्रसर है। अंक पत्र की तालिका के पोर्टल के प्रारंभ होने से परीक्षा केन्द्रों से ही अंकों के पोस्टिंग होने से गलतियों की संभावनाएं नगण्य होंगी। इससे पारदर्शिता के साथ ही अनुचित दबाव भी स्वत: समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शीघ्र ही ई- लाइब्रेरी की भी सुविधा देने जा रही है, जिससे छात्र कहीं से भी आसानी से इसका लाभ उठा सकेंगे।
कुलपति ने बताया कि पूर्व की डाटा कंपनी की गलती के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थिति में भी विश्वविद्यालय परीक्षा परिणामों को निकालने में सफल हो पाया है। अब विश्वविद्यालय अधिक सावधानी से अपने कार्यों के संपादन की ओर गतिशील है।
कुलपति ने प्रधानाचार्यों से कहा कि वे कॉलेज स्तर से कोई चूक न रहने देंगे। पोर्टल पर अंक पत्र ऑनलाइन करने के बाद उसके रिकॉर्ड कोपी विश्वविद्यालय को भेजेंगे तथा अपने पास भी रखेंगे।
कार्यशाला में समापन संबोधन देते हुए प्रति कुलपति प्रोफेसर डोली सिन्हा ने कहा कि ऑनलाइन मार्किंग व्यवस्था से परीक्षा परिणाम में शीघ्रता के साथ ही छात्रों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालय को भी काफी सुविधा होगी। यहां मेधा की कोई कमी नहीं है, पर हमें कंप्यूटराइजेशन में आगे बढ़ना होगा, ताकि नैक मूल्यांकन में भी दिक्कत न हो। प्रति कुलपति ने कहा कि हो सकता है प्रथम वर्ष में कुछ कठिनाइयां हों, पर आप विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध हेल्पलाइन से मदद ले सकते हैं।कुलपति के नेतृत्व में आज हमारा विश्वविद्यालय सबके सहयोग से तेजी से आगे बढ़ रहा है और हम सब इसके वाहक बन रहे हैं।
स्वागत संबोधन करते हुए कुलसचिव प्रो मुश्ताक अहमद ने कहा कि प्रधानाचार्यों के सहयोग से विश्वविद्यालय एक- एक कदम आगे बढ़ रहा है। इस तकनीक से छात्रों को काफी लाभ होगा तथा प्रधानाचार्यों को भी कठिनाइयों से छुटकारा मिलेगा। साथ ही प्रायोगिक परीक्षाओं के अंक उसी दिन विश्वविद्यालय को प्राप्त हो जाएंगे। उन्होंने प्रधानाचार्य से आग्रह किया कि वे पूरी संजीदगी एवं गंभीरता से तकनीकी रूप से दक्ष एवं विश्वसनीय व्यक्तियों से उक्त पोर्टल संबंधी कार्यों का संपादन करेंगे।
कुलसचिव ने बताया कि कुलपति के अनुभवों एवं दूरदर्शिता का लाभ इस विश्वविद्यालय को मिल रहा है, जिसका परिणाम है कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त लैब का भी निर्माण हो रहा है और विश्वविद्यालय पूर्व की समस्याओं को दूर कर की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि इस पोर्टल पर सभी कॉलेजों के सभी परीक्षार्थियों के नाम, सत्र व क्रमांक आदि अंकित होंगे। महाविद्यालय द्वारा सिर्फ परीक्षार्थियों के अंक पोस्ट किए जाएंगे। आने वाले समय में सैद्धांतिक पत्रों के भी अंक इस पोर्टल के माध्यम से पोस्ट किए जाने से परीक्षा परिणाम जल्द से जल्द प्रकाशित किया जा सकेगा। कुलसचिव ने बताया कि इस तरह के छात्रोपयोगी पोर्टल आदि के निर्माण से हमारा विश्वविद्यालय देश के अन्य बड़े विश्वविद्यालयों से पीछे नहीं रहेगा।
उद्घाटन सत्र के उपरांत तकनीकी सत्र में विशेषज्ञ जितेन्द्र गौतम ने प्रोजेक्टर के माध्यम से ऑनलाइन पोर्टल की जानकारी देते हुए, उसके आईडी- पासवर्ड तथा अंकों के पोस्टिंग आदि तकनीकी पक्षों की विस्तार से जानकारी दी।
अंतिम प्रश्नोत्तर सत्र में प्रधानाचार्यों एवं अन्य संबंधित व्यक्तियों के विभिन्न प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर डा अवनि रंजन सिंह ने दिया।
कार्यशाला में प्रधानाचार्यों एवं पोर्टल संबंधित व्यक्तियों के अतिरिक्त परीक्षा परामर्श समिति के सदस्य प्रो विमलेन्दु शेखर झा, डा अवनि रंजन सिंह, प्रो अशोक कुमार मेहता, प्रो अरुण कुमार सिंह, आइक्यूएसी निदेशक डा मो जिया हैदर, विकास पदाधिकारी प्रो सुरेन्द्र कुमार, प्रेस एवं मीडिया प्रभारी डा आर एन चौरसिया आदि के साथ ही परीक्षा विभाग के सभी कर्मी भी उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से परीक्षा नियंत्रक डा आनंद मोहन मिश्र ने किया।
दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो अशोक कुमार मेहता के कुशल संचालन में आयोजित कार्यशाला में धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डा आनंद मोहन मिश्र ने किया।