-शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात में होते हैं सक्रिय।
-संभावित रोगियों का पता लगाने का उचित माध्यम है नाइट ब्लड सर्वे।
#MNN@24X7 मधुबनी, 22 जून, जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नाइट ब्लड सर्वे की शुरुआत बुधवार को भौआरा स्थित मस्जिद के निकट की गई जिसका उद्घाटन एसीएमओ डॉ आर के सिंह ने की। डॉक्टर सिंह ने बताया जिले के विभिन्न प्रखंड व नगरीय क्षेत्र में कुल 44 सेशन साइट बनाये गये हैं। सभी सेशन साइट पर प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन के साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मी प्रतिनियुक्त किये गये हैं।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा ने बताया संभावित मरीजों का पता लगाने के लिहाज से सर्वे बेहद महत्वपूर्ण है। शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसीलिए नाइट ब्लड सर्वे संभावित रोगियों का पता लगाने का उचित माध्यम है। डॉ. झा ने बताया प्रत्येक प्रखंड के दो सत्रों का चुनाव किया गया है जहां से 300-300 साइड रक्त के नमूने संग्रह किया जाएगा यह सर्वे रात में 8:30 के बाद 20 वर्ष से ऊपर के लोगों के रक्त के नमूने लिया जाएगा दोनों सत्र स्थल में से किसी एक स्थल में माइक्रोफाइलेरिया का दर 1 या 1 से अधिक होगा तो उस प्रखंड में सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम चलाया जाएगा अगर माइक्रोफाइलेरिया का दर एक से कम होगा तो वहां एमडीए अभियान नहीं चलाया जाएगा फिर अभियान के बाद उक्त प्रखंड में माइक्रोफाइलेरिया का प्रसार है या नहीं उसका सत्यता की जांच के लिए फ्री- टास्क किया जाएगा नाइट ब्लड सर्वे एमडीए राउंड से 1 या डेढ़ माह पूर्व व अभियान खत्म होने के 6 माह बाद किया जाता है एक महीना पूर्व करने का तात्पर्य है लोगों में माइक्रोफाइलेरिया का संक्रमण है या नहीं उस जगह का चुनाव करने के लिए करते हैं 6 माह के बाद एमडीए राउंड का प्रभाव कितना हुआ यह देखने के लिए किया जाता है।
रात्रि रक्तपत संग्रह के लिए चयनित स्थलों की सूची
रात्रि रक्तपत संग्रह के लिए सदर में 2 सत्र स्थल तथा प्रत्येक प्रखंडों में 2 सत्र स्थल बनाए गए हैं जिसमें एक रैंडम तथा दूसरा फिक्स साइड बनाया गया है जिसके तहत अंधराठाढ़ी के ननौर व गनौली, बासोपट्टी के फेंट व जेंकी, बेनीपट्टी के नगवास व ढंगा, बिस्फी के खैरी बांका व घाट भटरा, बाबूबरही के महेशबाड़ा व पिरही, घोघरडीहा के क्योटाना व बिरौल, हरलाखी के सेमली व परसा जयनगर के धमियापट्टी व रजौली, झंझारपुर के सुखेत व नरुआर, कलुआही के हरिपुर डीह टोल व भलनी, खजौली के रसीदपुर व महराजपुर, खुटौना के हनुमान नगर व भजनाहा, लदनिया के पथलगरहा व कुमरखत, लखनौर के गुणाकरपुर व बेरमा लौकही के अतरी व न्योर, मधेपुर के बाथ व खैरी, मधवापुर के सलेमपुर व सोबरौली, पंडौल के नरपतनगर व साहपुर फुलपरास के गेहूंआ बैरिया व महथौर, रहिका के गंधवारी व सौराठ राजनगर के मधुबनी टोल व सुगौना को शामिल किया गया है।
सामूहिक भागीदारी से जड़ से खत्म होगा फाइलेरिया:
सामूहिक प्रयास से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है। इसलिये लोगों को जांच के लिये आगे आना चाहीए। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया एक असाध्य बीमारी है। फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को रोग का पता वर्षों बाद चलता है। तब तक बीमारी लाइलाज हो चुका होता है। शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसलिये नाइट ब्लड सर्वे संभावित रोगियों का पता लगाने का बेहतर जरिया है। संभावित मरीजों का पता लगाने के लिये जिले में विशेष अभियान संचालित है।