#MNN@24X7 दरभंगा, कृषि विज्ञान केंद्र, जाले में केंद्र के अध्यक्ष डॉक्टर दिव्यांशु शेखर के नेतृत्व में चल रहे बकरी पालन विषय पर प्रशिक्षण के तीसरे दिन जाले प्रखंड के भ्रमणसील पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ शालू पाठक ने प्रशिक्षुओं को बकरियों में होने वाली विभिन्न रोग बीमारी जैसे एफएमडी, डायरिया, फीवर, स्नेक बाइट, डॉग वाइट के बारे तथा बीमारी की पहचान एवं उपचार के बारे में जानकारियाँ दि।
साथ ही बकरियों में विभिन्न प्रकार के टीकाकरण एवं टीकाकरणों का अंतराल के बारे में प्रशिक्षुओं को अवगत कराया। डॉ पाठक अपने व्याख्यान के दौरान, बिहार सरकार की तरफ से चल रही बकरी पालन की योजनाओं के बारे में तथा उसके आवेदन करने के लिए जरूरी कागजातों के बारे में बताया।
साथ ही उन्होंने बताया कि कृषक बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए के सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त कर सकते हैं, और अपना एक रोजगार का साधन बना सकते हैं। उन्होंने ने बताया कि बकरियों के लिए डायरिया सबसे खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी में 90 फीसद बकरियां मर जाती है। लेकिन यदि बकरियों को पीपीआर का टीका लगा दिया जाए तो बकरियों में यह बीमारी तीन साल तक नहीं होती। सभी बकरी पालन किसान अपने बकरियों को पीपीआर का टीका अवश्य लगवाएं।