वाराणसी।बनारस में रौद्र रूप धारण कर खतरे के निशान को छूने के लिए बढ़ रही गंगा दोपहर में थम गईं है।गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पहुंचने से पहले ही थम गया है।गंगा जलस्तर थमने से तटवर्ती इलाकों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी चैन की सांस ली है।गंगा का जलस्तर सुबह आठ बजे से 69.77 मीटर पर थमा जो चेतावनी बिंदु से 49 सेंटीमीटर नीचे है। बरहाल दशाश्वमेध घाट पर सड़क और गंगा के बीच दो सीढ़ियों का ही फासला बचा है।

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 69.77 मीटर दर्ज किया।सात दिनों से बढ़ रहे जलस्तर के बाद रविवार की सुबह गंगा का जलस्तर थमा है। दोपहर 12 बजे तक गंगा का जलस्तर थमा हुआ है। प्रयागराज और फाफामऊ में जलस्तर कम होने के कारण वाराणसी में गंगा का जलस्तर थमा है।

बलिया में गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।काशी में गंगा से सटे निचले इलाकों में गंगा का पानी नालों से आगे बढ़ रहा है।केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि पहाड़ों में बारिश रुकने के कारण गंगा के जलस्तर में कमी आई है।बारिश अगर फिर से शुरू हो गई तो जलस्तर में बढ़ाव शुरू होने की आशंका है।

गंगा में बढ़े जलस्तर से गंगा की सहायक नदी वरुणा में पलट प्रवाह तेज हो गया। वरुणा में पलट प्रवाह से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग डरे हुए हैं।निचले इलाकों में पहली मंजिल तक पानी घुसने से लोगों का पलायन शनिवार से शुरू हो गया है और रविवार को भी लोग सुरक्षित स्थान पर जाते हुए नजर आए।कई परिवार गृहस्थी के सामान के साथ मकान के ऊपरी तल पर खुद को सुरक्षित करने की कवायद करते हुए नजर आए। हुकुलगंज, बघवानाला, नक्खीघाट, तालीम नगर, अंसार नगर, मीरा घाट, नई बस्ती, पुलकोहना, शक्कर तालाब, अमरपुर, मड़िया सहित आसपास के निचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित हुए हैं।

नक्खी घाट की रहने वाली अनिता देवी,अमित कुमार, सुक्खु, दिलीप, किट्टू सहित दर्जनों लोगों के मकान में बाढ़ का पानी घुस चुका है। सामनेघाट इलाका बाढ़ ग्रस्त रहा है और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लोगों ने सामानों की पैकिंग करने के साथ ही दूसरे मंजिल पर शिफ्ट हो रहे हैं। एक मंजिला मकान वाले छतों पर परिवार व साजो-सामान को सुरक्षित करने में लगे रहे।

(सौ स्वराज सवेरा)