सूचना तंत्र को सुदृढ़ करें।

नदियों के तटबंध के पास से मिट्टी /बालू उठाने पर प्राथमिक दर्ज करें।

नदियों के अतिक्रमण पर शख्ति के साथ अनुपालन करायें।

बाढ़ निर्देशिका का प्रकाशन हो।

#MNN@24X7 दरभंगा, 08 जून दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सभागार में जिलाधिकारी दरभंगा राजीव रौशन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन के तहत संभावित बाढ़ से निपटने को लेकर समीक्षा की गई एवं उपस्थित अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए गए।
   
आज बैठक में वर्षा मापक यंत्र,तटबंधों के संरक्षण, क्षतिग्रस्त सड़कों एवं पुल पुलियों,बाढ़ आश्रय स्थलों पर विद्युत आपूर्ति,शुद्ध पेयजल,शौचालय व्यवस्था एवं औसत भू-गर्भ जल स्तर, मानव दवा एवं स्वास्थ्य, बाढ़ आश्रय स्थल निर्माण, पशु चारा एवं पशुओं,आकस्मिक फसल योजना, आपदा सम्पूर्ति पोर्टल, सरकारी एवं निजी नाव का निबंधन, प्रखंड अनुश्रवण समिति की बैठक, आपदा सम्पूर्ति सूची का अनुमोदन, नाव का भौतिक सत्यापन,सैंड बैग का सत्यापन,राहत शिविर का सत्यापन, तटबंध की सुरक्षा, नहरों की स्थिति, पटवन की स्थिति एवं एसडीआरएफ भवन का निर्माण इत्यादि संबंधित बिंदुओं पर बारी-बारी से चर्चा की गई।

राजीव रौशन ने कहा कि तटबंध सुरक्षा से संबंधित सभी बाढ़ नियंत्रण डिवीजन के कार्यपालक अभियंता को तटबंध की निगरानी करवाने एवं कटाव निरोधक कार्य संपन्न करा लेने तथा आकस्मिक स्थिति के लिए बालू भरे बैग चिन्हित स्थलों पर रखने के लिए सख्त निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने संबंधित पदाधिकारी को बालू भरे बैग का सत्यापन करा लेने का निर्देश दिए।

उन्होंने जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को सभी पंचायतों में वर्षा मापक यंत्र कार्यरत है या नहीं जाँच कराने की निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता पीएचईडी से भूगर्भ स्तर के संबंध में जानकारी लिया तथा उन्हें लगातार वाटर लेवल जाँच करते रहने का निर्देश दिया।

उन्होंने सभी अंचलाधिकारी को चापाकल हेतु जगह चिन्हित करते हुए प्रतिवेदन 03 दिनों के अंदर उपलब्ध कराने को कहा।

सभी संबंधित पदाधिकारी को तटबंधों का मुआयना कर लेने तथा पुल-पुलिया कि साफ-सफाई कर लेने को कहा।

उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों को अपने क्षेत्र में स्टोर किए गए बालू की मात्रा, गुणवत्ता जाँच कर प्रतिवेदन उपलब्ध करावे। कंट्रोल रूम का गठन करा लेने निर्देश दिया गया तथा संवेदनशील स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित कर लेने को कहा।

उन्होंने कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग को फोटो सहित एक एलबम बनाकर आपदा विभाग में जमा करने का निर्देश दिया।

डीपीएम हेल्थ द्वारा बताया गया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 23 प्रकार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि चलंत चिकित्सा दल का गठन कर लिया गया है।

जिलाधिकारी ने बाढ़ आश्रय स्थल हेतु चिकित्सा दल का गठन करने का निर्देश दिया गया।

जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पशु शिविर स्थल का चिन्हित कर लिया गया है एवं 38 प्रकार की दवा उपलब्ध है। पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि सभी पशुओं का टीकाकरण कर लिया गया है।

जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारी को निजी नाव मालिक से एकरारनामा करने से पहले उनके नाव सत्यापन करने तथा सभी नाव का रजिस्ट्रेशन भी करवाने का निर्देश दिया। उन्होंने नाविकों के लंबित भुगतान के संबंध में जानकारी लिया तथा लंबित भुगतान को जल्द से जल्द भुगतान करने को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी नाविक का भुगतान लंबित नहीं रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि लाभुकों का डाटा का सत्यापन कराकर सभी अंचलाधिकारी अपने अंचल के डाटा को जिला आपदा शाखा में भेजना सुनिश्चित करेंगे।
   
कार्यपालक अभियंता भवन श्री बृजेश कुमार के द्वारा बताया गया कि तेरह स्थलों पर बाढ़ आश्रय का निर्माण किया जाना था जिसमें से आठ पर पूर्ण हो गया है । एक माह के अंदर शेष आश्रय स्थल भवन बनाने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ के समय किसी भी नागरिक को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो, इसलिए सभी आवश्यक तैयारी यथाशीघ्र अधिकारी पूर्ण कर लें।
    
जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता आपदा को निर्देश दिया कि जिन अंचल के द्वारा डाटा अद्यतन नहीं है,उन अंचलाधिकारी से कारणपृच्छा की जाए, साथ ही चेतावनी देते हुए जल्द से जल्द अपने डाटा शत प्रतिशत अद्यतन कर लें। बेनीपुर, बहादुरपुर, बहेड़ी और दरभंगा अंचल अधिकारी के कार्यकलापों पर नाराजगी व्यक्त की गई। इन अंचल अधिकारियों को वेतन बंद करने का चेतावनी भी दिया गया*।
   
बैठक में अपर समाहर्ता आपदा सलीम अख्तर, उप निदेशक जन संपर्क सत्येंद्र प्रसाद, अनुमंडल पदाधिकारी बिरौल उमेश कुमार भारती, जिला कृषि पदाधिकारी विपिन कुमार बिहारी, वरीय उप समाहर्ता भानु चंद्रा एवं संबंधित पदाधिकारीगण उपस्थित थे।