#MNN@24X7 दरभंगा, 12 जून विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर डीआरडीए अवस्थित सभागार में उप विकास आयुक्त प्रतिभा रानी एवं संजीव कुमार, उपश्रमायुक्त दरभंगा एवं कोशी प्रमंडल की उपस्थिति में बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम-1986 का सफल क्रियान्वयन को लेकर श्रम संसाधन विभाग द्वारा जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया।
   
बैठक में प्रखंड स्तरीय एवं पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स के गठन एवं क्रिया कलाप के संबंध में परिचर्चा की गई।
   
बाल श्रम विमुक्ति हेतु गठित धावा दल के प्रभावशाली संचालन हेतु एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम, जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम तथा बाल श्रम के क्षेत्र में कार्यरत, चाइल्डलाइन, बाल कल्याण समिति एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थानों को एक साथ मिलकर काम करने पर चर्चा की गई।
         
बैठक में उप श्रमायुक्त संजीव कुमार द्वारा बताया गया कि 01 अप्रैल 2014 से सी.एल.टी.एस. पोर्टल कार्यरत है, जिस पर बचाव अभियान के तहत बाल श्रम से विमुक्त कराए गए बच्चों की जानकारी की प्रविष्टि की जाती है और विगत माह CLTS संबंधी कार्य के लिए श्रमसंसाधन विभाग को दिल्ली में स्वर्ण पदक दिया गया है।
        
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दरभंगा सदर मोहन कुमार द्वारा कहा गया कि ज़िला में गठित धावा दल के द्वारा बाल श्रम उन्मूलन दिवस (30 अप्रैल) से लेकर आज विश्व बाल श्रम निषेध दिवस(12 जून) के बीच कुल 09 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया।
      
दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन जाँच करते समय उनके मालिकों से शपथ पत्र लिया जाता है कि वह अपने यहां बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करेंगे। साथ ही उनके प्रतिष्ठान, दुकान के परिसर में बाल श्रम मुक्त परिसर का स्टीकर लगाया जाता है, प्रत्येक 15 दिन पर धावा दल बचाव अभियान चलती है।
        
उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त, दरभंगा द्वारा निदेशित किया गया कि जिन-जिन पंचायत में पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स का गठन नही किया गया है, उन्हें शीघ्र करवा लिया जाय, तथा नियमित रूप से सघन धावा दल का संचालन करते हुए आम जन मानस के बीच जनजागरूकता अभियान चलाया जाय।
    
इस अवसर पर बमबम कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी घनश्यामपुर ने संविधान के अनुच्छेद-23 का जिक्र किया, जिसमें मानव तस्करी एवं बलात श्रम पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे देश के लाखों अल्प सुविधा प्राप्त एवं वंचित लोगों की रक्षा की जा सके।
        
उन्होंने कहा कि संविधान में बाल श्रम प्रतिषेध के लिए भी प्रावधान किए गए हैं, उनका क्रियान्वयन आवश्यक है।
   
किशोर झा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बेनीपुर द्वारा बाल श्रम विमुक्त करने के लिए कार्यरत सभी लोगों को आज का कार्यक्रम सफल बनाने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया।
     
अंत में उप श्रमायुक्त द्वारा कहा गया कि बाल श्रम से मुक्ति के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है, जितने भी अधिकारी हैं, नागरिक हैं, जनप्रतिनिधि हैं, बच्चों के अभिभावक तथा स्वयं बच्चों को भी इस पर सोचने और ध्यान देने की जरूरत है।
     
उन्होंने बैठक में उपस्थित विमुक्त कराए गए बाल श्रमिकों को भी संबोधित करते हुए कहा कि हमारा राज्य तभी विकसित हो पाएगा, जब सभी बच्चे पढ़ें लिखें और अच्छी शिक्षा प्राप्त करें, उसके बाद रोजगार या व्यवसाय करें ताकि वह स्थाई हो सके और इससे उनका और उनके परिवार का भी विकास होगा।
      
उन्होंने कहा कि परिवार के विकास के लिए अच्छी शिक्षा के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 14 वर्ष से नीचे के सभी बच्चों को स्कूल में रहना चाहिए।
    
उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षा विभाग की अहम भूमिका है, उन्होंने विमुक्त बच्चे को कहा आप अभी भी पढ़ाई शुरू कर सकते हैं, अभी भी आपका बचपन समाप्त नहीं हुआ है, कोई भी काम शुरू करने के लिए कोई निर्धारित समय नहीं होता है, जब जागे तभी सवेरा।
    
उन्होंने विमुक्त बच्चों को श्रम विभाग द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष से प्राप्त राशि का किये गये एफ़डी का काग़ज़ात वितरित किया और सभी बच्चों को पढ़ाई पर पूरा ध्यान लगाने का सुझाव दिया, साथ ही अपने मित्रों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करने को कहा।
  
उन्होंने कहा कि अभी आपके काम करने से ज्यादा स्थाई लाभ, शिक्षा प्राप्त कर स्थाई काम करने में है और उससे आपका भी लाभ होगा और समाज का भी लाभ होगा।
   
उन्होंने धावा दल को सहयोग करने के लिए सभी संबंधित विभाग को आगे बढ़कर सहयोग कर यथा- समाज से इस बुराई को समाप्त करने को कहा।

उन्होंने कहा कि विमुक्त बच्चों को अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले यह भी सुनिश्चित किया जाए, वह अपने आवास में रह सके, उनका राशन कार्ड हो, उनका आयुष्मान कार्ड हो तथा जो भी सुविधा सरकार द्वारा प्रदत्त है उन सभी योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाया जाए।
     
जब इन्हें योजनाओं के लाभ मिलेंगे तब ही इनकी समस्याएं समाप्त होगी और यह स्थाई रूप से विमुक्त रहकर पढ़ाई करेंगे तथा पुनः बाल श्रम की ओर नहीं जाएंगे।
     
इसके लिए शिक्षा विभाग को भी काम करने की आवश्यकता बताई।
     
इस अवसर पर मनीष कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जाले, लक्ष्मण झा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सिंहवाड़ा, दिलीप कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी हायाघाट, विष्णुधर शर्मा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी केवटी, अमित कश्यप श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बहादुरपुर ने भी अपने प्रभार के प्रखंड में हुए कार्य का ब्योरा दिया।
    
इस अवसर पर बैठक में ज़िला शिक्षा पदाधिकारी के प्रतिनिधि, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण ईकाई, दरभंगा, पशुपालन विभाग, आईo सीo डी०एस० के प्रतिनिधि, बाल कल्याण समिति के प्रतिनिधि, दरभंगा, चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक, दरभंगा, महिला हेल्प लाइन, सेंटर मैनेजर ऑन स्टॉप सेंटर, दरभंगा, जिला समन्वयक, समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान, दरभंगा, आश्रय ट्रस्ट के जिला समन्वयक एवं संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।
     
राकेश रंजन श्रम अधीक्षक दरभंगा/मधुबनी को ज़िला में गठित धावादल के बेहतर कार्य करने के कारण आज पटना में सम्मानित किया जा रहा है, जिसके कारण वे इस कार्यक्रम-सह-कार्यशाला में अनुपस्थित रहे है। उप विकास आयुक्त महोदया द्वारा इस बाबत रंजन श्रम अधीक्षक व विभाग के कार्यों की प्रशंसा की है।