दरभंगा। आज के समय में जब बिना बिजली के जीवन के बारे में सोचना असंभव है वहीं बिहार के दरभंगा में एक ऐसा कार्यालय भी है जहां अंधेरे में मोबाइल या टेबल लैंप की मदद से काम किया जाता है।

टावर चौक स्थित गुदरी बाजार के गली में चल रहे डाकघर में जहां बिना बिजली के डाक कर्मी काम करते हैं। वहां जाने पर पता चला कि वहां ना कोई बिजली का बल्ब है और ना ही कोई पंखा कार्य करता है। सब कुछ चुपचाप अंधेरे में मोबाइल की रोशनी के सहारे, किसी तरह लोगों के काम होते हैं।

अगर बिजली की बात करें तो यहां बिजली कई सालों से नहीं है। एक ओर जहां शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है वहीं सिर्फ इसी डाकघर में बिजली कनेक्शन की व्यवस्था विभाग द्वारा नहीं कराई गई है। जिससे यहां कार्य करने वाले तथा आने वालों लोगों को कई तरह की परेशानी परेशानीयां उठानी परती हैं । बात अगर यहां कार्य करने वाले कर्मियों की करें तो उन्हें गर्मियों में ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है तथा वे अंधेरे में किसी तरह कार्य करने को मजबूर भी हैं।

एक कार्यालय की ऐसी तस्वीर सरकार की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करती हैं। वर्षों से इस समस्या का समाधान विभाग द्वारा नहीं किए जाने से स्थिति बद से बदतर होता जा रहा है। यहां कार्य के लिए आने वाले स्थानीय लोगों ने बताया किस तरह डाक बाबू को अंधेरे में कार्य करने में कठिनाई होती है फिर भी वो अंधेरे में काम करते हैं। उसी तरह हम लोगों को भी यहां काम करवाने में काफी कठिनाइ होती है और गर्मी में यहां खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि एक पंखा तक नहीं चल पा रहा बल्ब की बात तो छोड़िए बहुत अंधेरे में टेबल लाइट के माध्यम से इसी तरह काम होता है। बिजली की समस्या का समाधान जल्द होना चाहिए।

वही डाक बाबू सोनू शर्मा का कहना है हम यहां पिछले 6 माह से इस पोस्ट ऑफिस पर सेवा दे रहे हैं इसी तरह से बिना लाइट के मोबाइल या घर से टेबल लाइट लाकर काम करने का प्रयास करते हैं। काफी गर्मी होती है फिर भी मैं और हमारे कर्मी राज किशोर सहनी किसी तरह से अंधेरे व उमस भरी गर्मी के बीच अपना काम करते हैं। अब विभाग के आला अधिकारियों को इसकी जानकारी है या नहीं अगर है। तो समस्याओं का समाधान कब तक और कैसे होगा यह तो आने वाला समय ही बता सकता है।

इस तरह की तस्वीर सामने आना सरकार की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान खड़े करता है। आज के समय में जहां एक ओर कई डाकघरों को आधुनिक रूप दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस डाकघर की ऐसी हालत में सुधार कब तक होगा अब यही देखना है। वैसे बिना किसी अच्छी पहल के सुधार नहीं लाया जा सकता।

दरभंगा … रिपोर्ट .. नीरज कुमार राय