दरभंगा। बिहार राज्य के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक, वित्तीय एवं प्राशासनिक अराजकता की जांच बिहार सरकार बिहार सरकार के निगरानी विभाग से कराने एवं महालेखाकार के द्वारा अंकेक्षण कराने की मांग को लेकर जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सह संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ राम मोहन झा की अध्यक्षता में प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया।

धरनार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ राम मोहन झा ने कहा कि बिहार के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक अराजकता एवं वित्तीय लूट खसोट चरम पर है । लगभग सभी महाविद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधि लगभग ध्वस्त हो चुका है । कुलपतियों एवं कुलसचिवों का उद्देश्य मात्र आर्थिक उपार्जन करना ही रह गया है। बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में पदाधिकारी एक गिरोह के रूप में कुलपतियों एवं कुलसचिवों को आर्थिक उपार्जन करने में सहयोग कर रहे हैं। क्योंकि जिन शिक्षकों का कार्य शैक्षणिक दायित्वों का निर्वहन करना होना चाहिए। जिसके लिए उन्हें भारी भरकम वेतन दिया जाता है लेकिन वे गैर शैक्षणिक पदों पर कार्यरत हैं। परीक्षा व्यवस्था कंपनी राज के अधीन कर दिया गया है जिसमें महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति की भागीदारी आम चर्चा का विषय है। चुंकि महामहिम कुलाधिपति महोदय के अधिकार क्षेत्र में विश्वविद्यालय का संचालन होता है फलस्वरूप राज्य सरकार आर्थिक लूट एवं शैक्षणिक अराजकता को दूर करने में अपने आप को असहाय महसूस करती है जिसका उदाहरण मगध विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, आर्यभट्ट विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालय की दूर्दशा भी वैसी ही स्थिति में है। महाविद्यालयों में स्थायी शिक्षक नहीं हैं।

डॉ झा ने कहा कि यदि बिहार के उच्च शिक्षा में सुधार करना एवं नई शिक्षा नीति को लागू करना है तो तत्काल बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति को बिहार से वापस बुलाते हुए बिहार के सभी विश्वविद्यालयों हुए आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच बिहार सरकार के निगरानी विभाग या सीबीआई से कराई जाए तो अरबों रुपए की वित्तीय अनियमितता का उजागर होगा।
धरना को संबोधित करने वाले प्रमुख लोगों में प्रोफेसर ज्योति रमण झा, प्रो सुरेश राम, प्रो नरेश कुमार मिश्र, बीरेंद्र कुमार झा, चन्द्र मोहन चौधरी, राकेश कुमार, कुलानन्द, मो शमशेर, पप्पू कुमार, अजित कुमार, संजय कुमार मिश्र, शम्भु नाथ चौधरी, सीताराम चौधरी, जितेंद्र कुमार,सुधाकर चौधरी सहित कई अन्य लोग भी शामिल थे।

धरना के पश्चात मांगों से संबंधित ज्ञापन आयुक्त को सौंपा गया।