दरभंगा, 08 सितम्बर 2022 :- अपर समाहर्त्ता (लोक शिकायत निवारण)-सह-जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अजय कुमार द्वारा सभी लोक प्राधिकार को पत्र निर्गत करते हुए कहा है कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है, जिसमें आमजनों को एक निर्धारित अवधि में उनके द्वारा दायर वादों का सार्थक निराकरण किया जाता है।

उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अन्तर्गत दायर वादों का निराकरण 60 कार्य दिवस की अवधि के अन्तर्गत करने का प्रावधान है, इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु लोक प्राधिकार का सहयोग अपेक्षित है।

उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान एवं अनुमण्डल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा जानकारी दी जाती है कि परिवाद की सुनवाई में लोक प्राधिकार स्वंय उपस्थित नहीं होते है तथा उनके द्वारा सुनवाई की तिथि को कार्यालय के अत्यत्न न्यूनतम सोपान के कर्मी अथवा वैसे कर्मी जिन्हें विषयवस्तु की जानकारी नहीं होती है, को उपस्थिति होने हेतु बिना प्राधिकृत किये सुनवाई में भेज दिया गया है।

कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम में स्पष्ट निर्देश है कि लोक प्राधिकार सुनवाई में स्वंय उपस्थित हों, यदि अपरिहार्य कारण से लोक प्राधिकार स्वंय उपस्थित नहीं होते है, तो वैसी स्थिति में अपने किसी अधीनस्थ पदाधिकारी, जो परिवाद के विषयवस्तु से भलीभांति अवगत हो, को सुनवाई में भाग लेने हेतु प्राधिकृत किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में परिवाद की सुनवाई लम्बी अवधि तक चलती है और परिवादों/अपीलवादों में सार्थक निराकरण कर कार्रवाई प्रतिवेदन ससमय उपलब्ध नहं कराया जाता है।

उक्त के आलोक में उन्होंने सभी लोक प्राधिकार को निर्देश दिया है कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित मामलों में परिवादों/अपीलवादों की सुनवाई में स्वंय अथवा अपरिहार्य कारण से उपस्थित नहीं होने की स्थिति में अधीनस्थ पदाधिकारी, जो परिवाद के विषयवस्तु से भलीभांति अवगत हो, को सुनवाई में भाग लेने हेतु प्राधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से ससमय सार्थक कार्रवाई प्रेतिवेदन के साथ सुनवाई में उपस्थिति सुनिश्चित कराएगें।