#MNN@24X7 दरभंगा, 22 जून, जिला पदाधिकारी दरभंगा राजीव रौशन ने सभी लोक प्राधिकार को पत्र निर्गत करते हुए कहा है कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें आम जनों को एक निर्धारित अवधि में उनके द्वारा दायर वादों का सार्थक निराकरण किया जाता है।

उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अंतर्गत दायर वादों का निराकरण 60 कार्य दिवस की अवधि के अंतर्गत करने का प्रावधान है।

योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी लोक प्राधिकारों की ओर से निर्धारित अवधि में परिवाद/अपीलवादी के अनुरूप अग्रेतर कार्रवाई कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराए जाने के उपरांत ही निराकरण/निष्पादन किया जाता

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दायर मामलों की सुनवाई के क्रम में यह ज्ञात हो रहा है कि लोक प्राधिकार परिवादों/अपीलवादों की सुनवाई में स्वयं उपस्थित न होकर अत्यंत न्यूनतम सोपान के कर्मी अथवा वैसे कर्मी जिन्हें विषय वस्तु की जानकारी नहीं हो, को उपस्थित होने हेतु बिना प्राधिकृत किए सुनवाई में भेज देते हैं जिसके कारण परिवादियों/अपीलकर्ताओं के द्वारा भी रोष व्यक्त किया जाता है। साथ ही कुछ लोग प्राधिकार ऐसे भी है, जो सुनवाई में कभी उपस्थिति ही नहीं होते हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में यह स्पष्ट निदेश है कि *लोक प्राधिकार सुनवाई में स्वयं उपस्थित हो, यदि अपरिहार्य कारण से लोक प्राधिकार स्वयं उपस्थित नहीं होते हैं तो वैसी स्थिति में अपने किसी अधीनस्थ पदाधिकारी,जो परिवाद के विषय वस्तु से भलीभांति अवगत हो, को सुनवाई में भाग लेने हेतु प्राधिकृत किया जा सकता है।*

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में जो लोग प्राधिकार काफी दूर एवं आने में असमर्थ होते हैं उनके लिए गूगल मीट के लिंक-*meet.google.com/rrp-hbcu-azq* के माध्यम से भी सुनवाई की व्यवस्था की गई है परंतु कुछ लोक प्राधिकार उक्त लिंक के माध्यम से जुड़ने में असमर्थता व्यक्त करते हैं।

उन्होंने कहा कि उपरोक्त स्थिति के कारण परिवाद की सुनवाई लंबी अवधि तक चलती रहती है और परिवादों/अपीलवादों में सार्थक निराकरण कर कार्रवाई प्रतिवेदन स-समय उपलब्ध नहीं कराया जाता है, फलस्वरुप मामले में विस्तारित होते हैं, जिसके कारण जिला की रैंकिंग पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि सभी लोग प्राधिकारों को निर्देश दिया जाता है कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित मामलों में परिवादों/ अपीलवादों की सुनवाई में विभाग निदेशों का अक्षरश: अनुपालन करते हुए स्वयं अथवा अपरिहार्य कारण/विशेष परिस्थिति में उपस्थित नहीं होने की स्थिति में अधीनस्थ पदाधिकारी जो परिवाद के विषय वस्तु से भली-भांति अवगत हो, को सुनवाई में भाग लेने हेतु प्राधिकार पत्र के साथ प्राधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से स-समय सार्थक कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ सुनवाई में उपस्थिति सुनिश्चित करायें। अन्यथा संबंधित लोक प्राधिकार के विरुद्ध बिहार लोक शिकायत निवारण के प्रावधानों के तहत अर्थ दंड एवं विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा विभाग से की जाएगी।