• स्थानीय युवाओं ने किया अनुपम का स्वागत, शहर में रोड शो के बाद हुआ जनसंवाद

• रैली में युवाओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की विशेष भागीदारी, “आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा” के लगे नारे

• नालंदा के बाद नवादा, गया और औरंगाबाद पहुँचेंगे अनुपम

• चम्पारण से 16 अगस्त को शुरू यात्रा का पटना में बड़े सम्मेलन के साथ होगा समापन

• बिहार के हर जिले में जनसंवाद करके राष्ट्रव्यापी आंदोलन की ज़मीन तैयार कर रहे हैं अनुपम

• बढ़ती बेरोज़गारी के कारण छात्र, युवा, मजदूर आत्महत्या करने को अभिशप्त: प्रशांत कमल

दरभंगा। देश में भीषण बेरोज़गारी और बढ़ती आत्महत्या के खिलाफ युवा नेता अनुपम की ‘हल्ला बोल यात्रा’ सोमवार को नालंदा जिले पहुँच गयी। बिहार शरीफ में स्थानीय युवाओं ने अनुपम का जोरदार स्वागत करके शहर में बाइक रैली निकाला। रैली के दौरान युवाओं में भारी उत्साह देखा गया। युवा आंदोलन और अनुपम के समर्थन में नारे लगे।

ज्ञात हो कि 16 अगस्त को पश्चिम चम्पारण से शुरू हुई बेरोज़गारी के खिलाफ ‘हल्ला बोल यात्रा’ बिहार के हर जिले में जा रही है। सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा होते हुए कोसी-सीमांचल क्षेत्र में भी लोगों ने दिल खोलकर अनुपम का स्वागत किया था। इसके बाद भागलपुर और मुंगेर जिला होते हुए बेरोज़गारी के खिलाफ चल रही यात्रा खगड़िया और बेगूसराय पहुंची। बिहार के सभी जिलों से होते हुए अनुपम की यात्रा का समापन 23 सितंबर को पटना में होगा। इसके बाद एक बड़े सम्मेलन के साथ राजधानी पटना में आंदोलन की आगामी रणनीति रखी जायेगी।

ज्ञात हो कि देश में बेरोज़गारी को राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाने में ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम की अहम भूमिका रही है। अपनी यात्रा के दौरान अनुपम सिर्फ समस्या को चिन्हित नहीं कर रहे, बल्कि बेरोज़गारी के संकट का समाधान भी बता रहे हैं। उन्होंने इसके समाधान के तौर पर ‘भारत रोज़गार संहिता’ का प्रस्ताव दिया है। ‘भारत रोज़गार संहिता’ को संक्षिप्त में भ-रो-सा कहा जा रहा है। अपनी यात्रा के माध्यम से अनुपम सरकार से भरोसा मांग रहे हैं और इसी प्रस्ताव के इर्द गिर्द जनसमर्थन जुटा रहे हैं ताकि राष्ट्रव्यापी युवा आंदोलन की ज़मीन तैयार हो। साथ ही, हर जिले में हर स्तर पर नए नेतृत्व को तलाशकर उभारा जाए जो आने वाले समय में आंदोलन को दिशा दे सके। पहले दिन से ही अनुपम की यात्रा को खूब जनसमर्थन मिल रहा है, विशेष तौर पर उत्साही युवाओं और बुद्धिजीवियों की भागीदारी उल्लेखनीय है।

खगड़िया में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए अनुपम ने कहा कि बेरोज़गारी आज जीवन मरण का सवाल बन चुका है। अपने भविष्य को लेकर युवाओं में घोर अनिश्चितता और अंधकार का भाव है। हताशा इस कदर बढ़ती जा रही है कि बेरोज़गारी के कारण आत्महत्या की खबरें अब आम बात हो गयी हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार हर दो घंटे में तीन छात्र खुदकुशी कर रहे हैं। बेरोज़गारी के कारण छात्र, युवा और मजदूरों में आत्महत्या बढ़ती जा रही।

अनुपम ने कहा कि इन्हीं कारणों से युवाओं का सरकार से भरोसा उठता जा रहा है। इसलिए अब युवाओं को चाहिए भ-रो-सा यानी ‘भारत रोजगार संहिता’। सरकार देश के सभी रिक्तियों को अविलंब भरे और ‘भर्ती आचार संहिता’ लागू कर 9 महीने में नियुक्ति पूरी करे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बोझा ढोने और ठेला चलाने के लिए बिहार के लोगों को हजारों किलोमीटर दूर बम्बई दिल्ली जाना पड़ता है। “बिहारी” शब्द देश भर में मजदूर का पर्यायवाची बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि बंद पड़े चीनी, पेपर और जूट मिलों को पुनर्जीवित किया जाए ताकि दो वक्त की रोटी के लिए बिहार के लोगों को पलायन न करना पड़े।

यात्रा के दौरान रीगा चीनी मिल पर भी अनुपम ने सभा को संबोधित किया और सकरी चीनी मिल का मुद्दा भी उठाया। अनुपम ने कहा कि सुनियोजित ढंग से बिहार में चीनी, पेपर और जूट मिल जैसे उद्योगों का नष्ट किया गया जिससे रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। बिहार के लोगों को विवश होकर दो वक्त की रोटी के लिए हजारों किलोमीटर पलायन करना पड़ता है। युवा आंदोलन द्वारा प्रस्तावित ‘भारत रोज़गार संहिता’ में न्यूनतम आय पर रोज़गार की गारंटी की मांग भी की गयी है।

यात्रा के दूसरे सप्ताह में अनुपम कोसी क्षेत्र रहे जहाँ युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया। सहरसा और सुपौल में कार्यक्रमों के बाद मधेपुरा में भी अनुपम का सहृदय स्वागत हुआ। शहर में बाइक रैली निकालकर बेरोज़गारी के ज्वलंत मुद्दे पर खूब नारे लगे। इसके बाद टीपी कॉलेज में युवाओं के साथ जनसंवाद हुआ जहाँ सबने 23 सितंबर को पटना पहुँचने का वादा किया। ज्ञात हो कि अनुपम खुद कोसी क्षेत्र के सुपौल जिले में सुखपुर के रहने वाले हैं। यात्रा के दौरान उनके पैतृक गाँव सुखपुर में ग्रामवासियों ने अभिनंदन समारोह आयोजित करके यात्रा की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।

अररिया में काली मंदिर के पास से युवाओं ने बाइक रैली निकालकर पेंशनर समाज भवन तक अनुपम के समर्थन में मार्च किया। अररिया में पैदल मार्च के दौरान भी युवाओं ने लगातार ‘बदलेगा हवा, देश का युवा’ के नारे लगाए गए। अनुपम की ‘हल्ला बोल यात्रा’ शनिवार को किशनगंज और रविवार को पूर्णिया जिले में रही। भारी बारिश के कारण पूर्णिया में दिन के कार्यक्रम बाधित हो गए। लेकिन शाम को जब शहर में चार किलोमीटर का रोडशो हुआ तो स्थानीय लोगों में खूब उत्साह देखा गया। इसके बाद कल्याण छात्रावास में युवाओं से मुलाकात हुई जहाँ सबने 23 सितंबर को पटना पहुँचने की बात कही। भागलपुर, तारापुर और मुंगेर में कई कार्यक्रम और जनसंवाद करते हुए अनुपम बुधवार को खगड़िया पहुँच गए। जहां खगड़िया जिला युवा हल्ला बोल के कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक यात्रा का स्वागत एन एच 31 पर ममता रेस्टोरेंट के समीप किया।

यात्रा में अनुपम के अलावा मुख्य रूप से ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय महासचिव और यात्रा प्रभारी प्रशांत कमल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अर्जुन मिश्रा, राष्ट्रीय सचिव आकाश महतो, अमित प्रकाश, आदित्य दूबे और सौरभ पांडे भी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय महासचिव व यात्रा प्रभारी प्रशांत ने कहा कि देश में किसानों के आत्महत्या की खबरें पहले खूब आया करती थी। अब भारी संख्या में बेरोज़गारी के कारण युवाओं में आत्महत्या की खबरें आ रही है। युवाओं की आत्महत्या देश में राजनीतिक बहस के केंद्र में होना चाहिए। आज की सबसे बड़ी बहस होनी चाहिए लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारों को कोई परवाह नहीं। ऐसे में युवाओं को एकजुट होकर कहना पड़ेगा कि ‘आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा’।

‘हल्ला बोल यात्रा’ के दौरान हर शहर में स्थानीय लोग अनुपम की अगुवाई में चल रहे युवा आंदोलन को देश के लिए उम्मीद की किरण बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि हर नागरिक को युवाओं के इस संघर्ष में सहयोग करना चाहिए। इस मौके पर गुजरात से आये युवा नेता अर्जुन मिश्रा ने कहा कि हम बेरोजगारी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने के लक्ष्य से यह यात्रा कर रहे हैं। अर्जुन ने कहा कि अनुपम के विचार और व्यवहार से प्रभावित होकर तन मन धन से आंदोलन में कूद गए हैं। बेरोज़गार युवाओं में उम्मीद पैदा करने के साथ साथ अनुपम की बिहार यात्रा राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन रही है।