जहां बिहार पुलिस के डीजीपी विगत 1 सप्ताह पहले बेगूसराय में पुलिस के कार्य को लेकर गदगद होकर पीठ थपथपा कर पुलिस वाले को सम्मान देने की बात कहते नजर आए वही बेगूसराय के पुलिस का एक अमानवीय चेहरा देखने को मिला है। यहां एक शव को रस्सी के सहारे खींच कर बाहर निकालते उन्हें थोड़ी भी शर्म नहीं हुई, कि वह भी किसी का बेटा या किसी का पति रहा होगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बेगूसराय में सड़क किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने से जहां पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। वहीं पुलिस की कार्यशैली पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल लाखो थाना क्षेत्र के निपनिया सीमेंट फैक्ट्री के नजदीक, सीमेंट के भंवरे के अंदर जब लोगों ने एक अज्ञात व्यक्ति के शव को देखा तब इसकी सूचना तुरंत ही पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया। लेकिन उसके बाद पुलिस का अमानवीय चेहरा भी सामने आने लगा। जब शव के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए पुलिस के द्वारा शव के पैर में रस्सी बांधकर जानवरों की तरह खींचते हुए लाया गया। हालांकि शव की शिनाख्त अभी तक नहीं हो पाई है।

अनुमान लगाया जा रहा है कि आवारा कुत्तों के द्वारा भी शव को नोचा खसौटा गया है । फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है। लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या मानवता इतनी खत्म हो चुकी है कि इंसान के शव के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाए। जबकि सरकार के द्वारा तमाम तरह के संसाधन दिए जाते हैं। जिससे कि इंसान के शव को भी उचित सम्मान मिल सके। मगर यहां अपनी कार्यशैली की वजह से बेगूसराय पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है ।