लनामिवि दरभंगा:- आज दिनांक 8 मार्च 2022 को विश्वविद्यालय गृह विज्ञान विभाग में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन विभागाध्यक्ष डॉ० दिव्या रानी हंसदा के अध्यक्षता में आयोजित की गई।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि सह मिथिला विश्वविद्यालय की प्रथम महिला श्रीमती मालती सिंह ने शोधार्थियों व छात्राओं को संबोधित करते हुए कही कि 21 वीं सदी लोकतंत्र की सदी है। जहां बेटियों को समानता का अधिकार है। बेटियों को डरना नहीं अब अपने अधिकारों के लिये लड़ना होगा। सरकार, शासन-प्रशासन सब आपके साथ है। संविधान ने आपको सारे अधिकार दिये हैं। आज हर क्षेत्र में बेटियां अव्वल आ रही है। अपने अधिकारों को जानिये और कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़िए और जहां जो बेटियां पिछड़ी हुई हैं उन्हें भी आगे बढ़ाइये।


इस मौके पर विभागाध्यक्ष डॉ० दिव्या रानी हंसदा ने कही कि गृह विज्ञान विभाग व विश्वविद्यालय प्रशासन “बेटियों के सशक्तिकरण” को लेकर प्रतिबद्ध है। पूरा विश्वविद्यालय प्रशासन आपके साथ खड़ा है। ताकि हमारे बेटियों को बोलने का, नेतृत्व करने का मौका मिले। बेटियों के आत्मनिर्भरता के लिये गृह विज्ञान विभाग समय दर समय कार्यक्रम का आयोजन करता है। दुनिया का कोई भी लक्ष्य बेटियों के लिये असंभव नहीं है।

विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित मिथिला विश्वविद्यालय की विधि अधिकारी प्रो० सोनी सिंह ने कही कि समय अब बदल गया है। बेटियां अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो चुकी हैं। आज कौन ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां बेटियों का दबदबा नहीं है। आपलोग नयी पीढ़ी की छात्रा व शोधार्थी हैं। समाज को बदलने के लिये और बेटियों के उड़ान को दिशा देने का दायित्व आपसबों पर है। आप अगर शिक्षित होंगे तो समाज शिक्षित होगा। शिक्षा ही समाज को बदल सकता है। हमारी बेटियां निर्बल नहीं बल्कि अब हर क्षेत्र में सबल है।
विशिष्ट वक्ता के रूप में अंग्रेजी विभाग की शिक्षिका प्रो० पुनीता झा ने कही कि आज अतंर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। आज का दिन बेटियों को यह सीख देता है कि आप पुरुषों से किसी भी मायने में कम नहीं हैं। बेटियों को जब-जब मौका मिला है। बेटियों ने अपने प्रतिभा का लोहा मनवाया है। अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला से लेकर भावना कंठ तक ने इस मिथक को तोड़ दिया है। आज दरभंगा की बेटी भावना कंठ ने फाइटर प्लेन चलाकर साबित कर दिया है। आप सभी आगे बढ़िये।
इस मौके पर समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो० मंजू झा ने कही कि जब हमने विश्वविद्यालय में योगदान दिया था उस दशक और आज के दशक के बीच में काफी बदलाव आया है। बेटियां अपने अधिकारों को लेकर सशक्त हो रही है जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव की किरण बिखर रही है। आप लोग सदैव सकारात्मक सोचें व सकारात्मक दिशा में काम करें। आज का भारत बेटियों का भारत है।
इस मौके पर वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष शहनाज जमील ने कही कि विश्वविद्यालय प्रशासन आपलोगों के सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध है। आप आगे बढ़े। कोई भी नकारात्मक शक्ति आपको झुका नहीं सकती है। आप हैं तो परिवार है। परिवार है तो समाज है और समाज है तो देश है। बेटियों के अस्तित्व के बिना सभ्य समाज का कल्पना मुश्किल है। खुदा भी वहीं निवास करते हैं जहां मातृ शक्ति की पूजा होती है। इसीलिये अपने शक्ति को पहचानिये और आगे बढ़िये।
इस मौके पर मनोविज्ञान विभाग की शिक्षिका प्रो० आभा रानी सिन्हा, समाजशास्त्र विभाग की शिक्षिका डॉ० सारिका पांडे, लक्ष्मी कुमारी, भौतिकी विभाग की शिक्षिका सुश्री पूजा अग्रवाल, गृह विज्ञान विभाग की शिक्षिका डॉ० श्वेता श्री आदि ने भी अपने विचार रखें।
मंच संचालन विभागीय शिक्षिका डॉ० प्रगति ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन विभागीय शिक्षिका डॉ० अपराजिता कुमारी ने किया। इस मौके पर विभाग के शिक्षकेत्तर कर्मचारी श्रीमती उषा झा, श्री नवीन कुमार, श्रीमती चिंता देवी एवं मो० अजहरुद्दीन सहित विभिन्न विभागों की शोधार्थी नेहा सहनी, अदिति, नंदिनी, शशिकला, अर्चना, रागिनी, पूजा सहित दर्जनों शोधार्थी व छात्राएं उपस्थित थे।