*गुजरात ATS द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ , पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार,दिल्ली के स्वतंत्र पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी के खिलाफ भाकपा माले, इंसाफ मंच एवं ए. आई. पी. एफ. का प्रतिवाद मार्च।*
*गिरफ्तारी व मुकदमों के जरिये विपक्षी आवाजों का दमन करना चाहती है मोदी सरकार – बैद्यनाथ यादव।*
*गुजरात दंगों के दोषियों के खिलाफ पीड़ितों के लिए न्याय मांगना अपराध नहीं – नेयाज अहमद।*
दरभंगा, 28 जून 2022 गुजरात ATS द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ , पूर्व आईपीएस आर.बी. श्रीकुमार एवं दिल्ली पुलिस द्वारा स्वतंत्र पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी के खिलाफ भाकपा माले, इंसाफ मंच एवं ए. आई. पी. एफ. का नागरिक प्रतिवाद मार्च का आयोजन हुआ। प्रतिवाद मार्च धरना स्थल,पोलो मैदान से लेकर लहेरियासराय टावर होते हुए फिर धरना स्थल पर सभा में तब्दील हो गया।
धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के दरभंगा जिला सचिव बैधनाथ यादव ने कहा कि मोदी सरकार देश में अघोषित आपातकाल थोप दिया है। विरोध की आवाज को मुकदमों एवं गिरफ्तारी के जरिये दमन कर देना चाहती है। गुजरात दंगों के दोषियों के खिलाफ न्याय के लिए लड़ रहे सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ एवं आरबी श्रीकुमार की गिरफ्तारी संविधान व लोकतंत्र पर हमला हैं। सभी गिरफ्तार लोगों को अविलंब रिहा करना होगा। अन्यथा भाकपा माले सम्पूर्ण देश में इसके खिलाफ अभियान चलाएगी।
सभा को संबोधित करते हुए इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष व भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य न्याज अहमद ने कहा कि देश में न्याय के लिए अदालत में गुहार लगाना गुनाह नहीं हैं। तीस्ता सीतलवाड़ से लेकर पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी स्वतंत्र अवाज़ों को दबाने की कोशिश हैं। फासीवादी मोदी सरकार को मुसलमानों एवं न्यायप्रिय लोकतंत्र पसंद बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी पर अविलंब रोक लगानी होगी। एवं तीस्ता सीतलवाड़, श्रीकुमार एवं ज़ुबैर सहित सभी राजनैतिक कैदियों को अविलंब रिहा करना होगा।
नागरिक प्रतिवाद में ऐपवा नेत्री साधना शर्मा, प्रो. सुरेंद्र सुमन, आरके सहनी, भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक, देवेंद्र शाह नंदलाल ठाकुर , रंजन प्रसाद सिंह, भूषण मंडल, मनोज महतो योगेंद्र राम, सदीक भारती, शमीर कुमार, भंतु गुप्ता, अधिवक्ता मिथलेश सिंह इत्यादि लोगों ने भी अपनी बात रखी।
*प्रतिवाद के माध्यम से तीस्ता सीतलवाड़ और आरबी श्रीकुमार को अविलंब रिहा करने एवं दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार पत्रकार मोहम्मद जुबैर को रिहा करने की मांग उठाई गई।*