•दवा की प्राप्ति एवं वितरण की सतत निगरानी के लिए डीवीडीएमएस पोर्टल का होता है उपयोग
•बीएमएसआईसीएल से होने वाली प्राप्ति एवं बाजार से खरीदारी करने पर करनी होगी पोर्टल पर प्रविष्टि
•दवा व उपकरण आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में आएगा सुधार
•अब सभी प्रखंड में जरूरत के अनुसार उपलब्ध होंगे दवा एवं उपकरण
•प्रखंड स्तर से ऑनलाइन कर सकते हैं डिमांड
•प्रत्येक पीएससी पर दवाओं की सूची डिस्प्ले करने का डीएमई ने दिया निर्देश

मधुबनी, 24 सितम्बर। स्वास्थ्य विभाग एवं राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मुफ्त दवा कार्यक्रम को प्रभावी बनाने की कवायद की जा रही है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों के भंडार प्रबंधन एवं आपूर्ति श्रृंखला को स्वचालित करने के लिए डीवीडीएमएस के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों को वितरित की जा रही सभी प्रकार की औषधियों की वास्तविक खपत का संधारण अथवा प्रविष्टि संजीवनी प्रणाली के तहत दवा वितरण काउंटर पर भी किए जाने का निर्देश सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि जिला अंतर्गत सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ईडीएल (आवश्यक दवाओं) की सूची में चिह्नित औषधि एवं शल्य की सामग्रियों की स्टॉक जांचते हुए इसे ऑनलाइन सुनिश्चित किया जाए। दवाओं एवं सामग्रियों की प्राप्ति के बाद उनका ई औषधि पोर्टल पर अनुपालन भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। डीवीडीएमएस पोर्टल से संबंधित 4 बैच को अब तक प्रशिक्षण दिया जा चुका है जिसमें प्रथम बैच में विभिन्न हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर पदस्थापित सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया वही तीन बैच में प्रखंड के एमवाईसी,फार्मासिस्ट, स्टोरकीपर व प्रखंड अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार के द्वारा दिया गया।

उन्होंने बताया पहले प्रखंड स्तर से दवा के डिमांड के लिए जिला दवा भंडार गृह भेजा जाता था। वहां से फिर सिविल सर्जन के पास तथा उसके बाद मुजफ्फरपुर भेजा जाता था । उसके बाद दवा की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन अब इसमें संशोधन किया गया है। अब प्रखंड स्तर से सीधे डीवीडीएमएस पोर्टल के माध्यम से डिमांड किया जा सकता है । इसमें सिविल सर्जन की स्वीकृति के बाद प्रखंड स्तर पर दवा उपलब्ध करा दी जाएगी।

जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि डीवीडीएमएस सॉफ्टवेयर के अपडेट होने से अब प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों को कागजी प्रक्रिया से छुटकारा मिल सकेगा। अब स्वास्थ्य केंद्र प्रखंड से ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से अपनी अगले तीन महीने की मांग भेज देगी। तय समय में ही प्रखंड में जरूरी मांग अनुरूप दवा या उपकरण उपलब्ध करा दी जाएगी।

दवा व उपकरण आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में आएगा सुधार :

जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली में सुधार के लिए – ड्रग्स एंड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम नामक सॉफ्टवेयर है, जो केयर इंडिया और सीडीएसी द्वारा तकनीकी रूप से समर्थित है। यह देखा गया था कि इस सॉफ्टवेयर के बावजूद भी आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली में स्वास्थ्य केंद्रों को परेशानी का सामना करना पर रहा था। इसलिए अब इस सॉफ्टवेयर में उन्नत सुविधाएँ जोड़ी गयी हैं। ताकि आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन सुचारू रूप से हो सके। अब सभी अस्पतालों को दवाएँ व उपकरणों की समस्या से शीघ्र निजात मिल सकेगी और नियमित समय पर सामग्री अस्पताल में उपलब्ध होगी।

प्रत्येक पीएचसी पर दवाओं की सूची डिस्प्ले करने का डीएमएनई ने दिया निर्देश:

डीएमएनई ने बताया प्रत्येक पीएचसी पर दवाओं की सूची डिस्प्ले करने का का निर्देश दिया गया है ताकि लोगों को दवा की जानकारी डिस्प्ले पर दिखाई दे तथा मरीज तथा परिजन को अनावश्यक दवा के लिए भटकना न पड़े. बताया राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश के अनुसार जिले के एमसीएच ओपीडी में 76, एमसीएच आईपीडी में 113, एमसीएच ओटी में 36, डीएच ओपीडी में 71, डीएच आईपीडी में 96, एसडीएच ओपीडी में 58, एसडीएच आईपीडी में 65, सीएचसी ओपीडी में 55, सीएचसी आईपीडी में 59, पीएचसी ओपीडी में 50, पीएचसी आईपीडी में 34, एपीएचसी ओपीडी में 50, एपीएचसी आईपीडी में 34, एचएससी (एल -1)हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में 15 प्रकार के दवा की उपलब्धता होनी चाहिए।