#MNN@24X7 मधुबनी जिले में स्वास्थ्य विभाग के साथ गांधी फेलो के रूप में दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके मुदित पाठक को दिल्ली में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह पिरामल फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया, जहां 500 से अधिक गांधी फेलो को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। मुदित पाठक को भी इस अवसर पर प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ।
समारोह के दौरान मंच पर पिरामल फाउंडेशन के पंकज मिश्रा, अवधेश मिश्रा, अनुपमा झा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिन्होंने मुदित पाठक को सम्मानित किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर पिरामल समूह के अध्यक्ष अजय पिरामल भी उपस्थित थे। उनके साथ विभिन्न क्षेत्रों के अतिथि जैसे पूर्व आईएएस अधिकारी श्री अमरजीत सिन्हा और मैकिन्से एंड कंपनी के पूर्व अध्यक्ष श्री आदिल ज़ैनुलभाई ने भी अपनी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई।
मुदित पाठक ने अपने कार्यकाल के दौरान मधुबनी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने मुदित के कामों की सराहना की और उन्हें हर संभव मार्गदर्शन एवं समर्थन प्रदान किया। मुदित ने समुदाय के स्वास्थ्य सुधार के लिए कई नवाचारों को लागू किया और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर विभिन्न स्वास्थ्य अभियानों को सफलतापूर्वक संचालित किया। उनके इस अथक प्रयास और समर्पण को देखते हुए उन्हें दिल्ली में आयोजित इस भव्य समारोह में सम्मानित किया गया।
समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने गांधी फेलोशिप के महत्व और इसके द्वारा समाज में किए जा रहे सकारात्मक परिवर्तनों पर प्रकाश डाला। श्री अजय पिरामल ने अपने संबोधन में गांधी फेलोशिप को समाज में बदलाव लाने का एक प्रभावी माध्यम बताया और सभी फेलो को उनके योगदान के लिए सराहा। उन्होंने मुदित पाठक जैसे समर्पित युवाओं की प्रशंसा की, जो समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
श्री अमरजीत सिन्हा और श्री आदिल ज़ैनुलभाई ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए गांधी फेलोशिप की सराहना की और इसके माध्यम से युवाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल युवाओं को नेतृत्व कौशल और समाज सेवा की दिशा में प्रोत्साहित करती है।
मुदित पाठक की इस सफलता पर उनके परिवार, मित्रों और मधुबनी जिले के लोगों ने गर्व व्यक्त किया है। यह सम्मान उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम है, जिससे न केवल उनके करियर को नई ऊंचाइयां मिली हैं, बल्कि उन्होंने समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यह समारोह एक प्रेरणादायक आयोजन था, जिसने न केवल मुदित पाठक बल्कि सभी 500+ गांधी फेलो को उनके योगदान के लिए मान्यता प्रदान की। यह दिन उन सभी के लिए यादगार बन गया जो समाज की सेवा में निरंतर समर्पित हैं और अपने कार्यों से देश के विकास में योगदान दे रहे हैं।