•निश्चय पोषण योजना में निबंधित सभी उपचाराधीन मरीजों को अविलम्ब भुगतान का डीडीसी ने दिया निर्देश
•निजी चिकित्सकों को करना होगा टीबी मरीजों का सत्यापन और निश्चय पोर्टल पर अपलोड
•डी डी सी ने जाना टीबी चैंपियन का अनुभव
मधुबनी/ 22 अक्टूबर – जिला स्वास्थ्य विभाग और जिला यक्ष्मा विभाग 2025 तक टीबी उन्मूलन हेतु संकल्पित है. जिला की वस्तुस्थिति एवं उन्मूलन में आ रही चुनौतियों को डीडीसी विशाल राज के संज्ञान में लाने के उद्देश्य से शनिवार को जिला टीबी फोरम की बैठक का आयोजन किया गया . बैठक में जिला टीबी फोरम के सभी सदस्यों के अलावा, सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा,एसीएमओ डॉ.आर के सिंह, सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर,डीएमओ डॉ. विनोद कुमार झा, डीपीसी पंकज कुमार, भुबन नारायण कंठ, सीफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक अमन कुमार, डीएफआईटी के प्रदीप कुमार, सहित कई चिकित्सक एवं टीबी चैंपियन उपस्थित रहे.
निक्षय मित्र बन टीबी उन्मूलन अभियान में आम जन भी निभा सकते हैं अहम भूमिका
बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया
टीबी से ग्रसित मरीजों के लिए सामान्य नागरिक, गैर सरकारी संस्थान, जनप्रतिनिधि सहित अन्य लोगों को निक्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। निक्षय मित्र बन कर टीबी मरीजों को सहायता करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लोगों से अपील कर रहा है। ताकि जिले में टीबी से ग्रसित मरीजों को मदद मिल सके। निक्षय मित्र टीबी मरीजों को पोषण के साथ साथ रोरगार के लिए अवसर उपलब्ध करा सकते हैं।
निक्षय मित्र बनने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र से कर सकते हैं सम्पर्क:
सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर ने बताया निक्षय मित्र बनने के लिए अपने जिला यक्ष्मा केंद से संपर्क किया जा सकता है। निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay. in पर लॉगिन कर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक कर निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर क्लिक कर कर अपनी पूरी जानकारी देकर इस अभियान से जुड़ा जा सकता है। इसके अलावा इस निक्षय हेल्प लाइन नंबर 1800116666 पर कॉल कर के विस्तृत जानकारी ली जा सकती है। वहीं निक्षय मित्र बनने के लिए टीबी से ग्रसित मरीजों की सहमति लेकर पोषण के लिए उन्हें सहायता राशि उपलब्ध करानी होगी।
निश्चय पोषण योजना में निबंधित सभी उपचाराधीन मरीजों को अविलम्ब भुगतान का डीडीसी ने दिया निर्देश:
डीडीसी ने उपचाराधीन टीबी मरीजों को पोषण के रूप में दी जानी वाली सहायता राशि की वस्तुस्थिति की जानकारी ली और जिला में भुगतान की स्थिति की समीक्षा करते हुए अविलंब सभी उपचाराधीन टीबी मरीजों को पोषण के रूप में दी जानी वाली सहायता राशि के भुगतान के निर्देश दिए. डीडीसी के संज्ञान में लाया गया कि जिले में अभी जनवरी 2022 से सितम्बर 2022 तक सरकारी संस्थान से 2106 मरीज, प्राइवेट संस्थान से 1536 कुल 3642 टीबी मरीज चिन्हित किया गया है. ज्ञात हो की मरीजों के उपचार के दौरान उन्हें सरकार द्वारा हर महीने 500 रुपये पोषण राशि के रूप में दिए जाने का प्रावधान है.
टीबी मरीजों का सत्यापन और निश्चय पोर्टल पर अपलोड:
बैठक में डीडीसी के संज्ञान में लाया गया कि जिला के कई निजी चिकित्सक टीबी मरीजों का उपचार तो करते हैं लेकिन विवरण और जानकारी निश्चय पोर्टल पर अपलोड नहीं करते हैं जो की अनिवार्य है.डीडीसी ने सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर को निर्देश दिए कि अविलंब निजी चिकित्सकों के साथ बैठक कर उन्हें उक्त कार्य करने हेतु निर्देश दें और उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करें. डीडीसी ने कहा उक्त बैठक के उपरांत भी अगर निजी चिकित्सक आदेश की अवहेलना करते हैं तो उनपर कार्यवाही की जाएगी.
डीडीसी ने जाना टीबी चैंपियन का अनुभव:
बैठक में शामिल टीबी चैंपियन ने डीडीसी से अपने टीबी से जंग का अनुभव साझा किया . टीबी चैंपियन अमर कांत झा ने बताया कि वह टीबी से ग्रसित हुआ. लेकिन कई जगहों पर उपचार के बावजूद उन्हें नियमित अंतराल पर टीबी संक्रमण से जूझना पड़ा. सही टेस्ट की सुविधा उपलब्ध न हो पाना इसकी एक प्रमुख वजह रही बताया कि अंततः वो टीबी का ईलाज मधुबनी सरकारी अस्पताल में समुचित इलाज कराने के बाद संक्रमण से मुक्त हुआ और अब समुदाय को और टीबी मरीजों की रोग के बारे में जागरूक करना और मरीजों को उपचार उपलब्ध कराना उनके जीवन का उद्देश्य है.