#MNN@24X7 दरभंगा। मातृ शक्ति है सर्वोपरि। बाल कवियों से बंधी हैं बड़ी उम्मीदें। उक्त बातें कृष्णा बिहार, वासुदेवपुर,दरभंगा अवस्थित दरभंगा सेंट्रल स्कूल द्वारा ‘मां जी’ कृष्णा सिंह की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित ‘मातृ दिवस’ कार्यक्रम के उद्घाटक के रूप में केवटी के माननीय विधायक डॉ.मुरारी मोहन झा ने कहीं ।
आगे डॉ. झा ने राजऋषि आचार्य सुदर्शनजी महाराज द्वारा विगत कई दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे भगीरथ प्रयासों की विस्तार से चर्चा की। विशिष्ट अतिथि शास्त्रचूड़ामणि विद्वान डॉ.मित्रनाथ झा ने भारत की सनातन परंपरा में माता के संबध में किए गए शास्त्रीय विमर्शों की चर्चा करते हुए कहा कि पितृ पक्ष की समाप्ति के तुरंत बाद मातृ पक्ष का आगमन अपने आप में एक पृथक व विशिष्ट महत्त्व रखता है।
सम्मानित अतिथि डॉ.भक्तिनाथ झा ने मां की महत्ता को विस्तार से रेखांकित किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो.प्रभाकर पाठक ने माता के द्वारा अपने गर्भ में 9 माह तक शिशु को रखते हुए इस धराधाम पर लाने की प्रक्रिया को प्रकृति का एक अद्भुत चमत्कार बताया । साथ ही प्रो.पाठक ने भारतीय आध्यात्मिक चेतना को जागृत किए जाने के लिए मां को सर्वोत्तम साधन बताया। 33 कोटि देवी देवताओं को यदि एक पलड़े पर रख दिया जाय और मां को दूसरे पलड़े पर, तो निश्चित रूप से मां का पलड़ा भारी रहेगा।
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधानाचार्य अभय कुमार कश्यप ने स्वागत भाषण के क्रम में ‘मां जी’ के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके विराट व्यक्तित्व से हमेशा प्रेरणा ग्रहण करने की बात कही । कार्यक्रम के द्वितीय चरण में “बाल कवि सम्मेलन” का आयोजन किया गया जिसके निर्णायक मंडल में डॉ.हीरालाल सहनी,अमिताभ सिन्हा तथा सतीश चंद्र भगत थे।
विभिन्न वर्गों से चयनित 40 बच्चों ने अपनी-अपनी काव्य प्रस्तुतियां दीं, जिनमें आराध्या कुमारी ने प्रथम,रिया चौधरी ने द्वितीय तथा सौम्या झा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रो.बिनोद बिनित,हास्य कवि विनोद कुमार ‘हसौड़ा’,अशोक भगत, राज्य परामर्शी सदस्य उज्ज्वल कुमार ने भी विचार रखे। मंच संचालन संयुक्त रूप से शैलेंद्र नाथ झा तथा रिया चौधरी तथा आभार प्रदर्शन बी.एन.झा द्वारा किया गया ।