बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ वामदलों के हजारों कार्यकर्ताओं ने जिला में निकाला प्रतिवाद मार्च व जिला समाहरणालय पर किया आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन

दरभंगा-30 मई 2022 आज वामदलों सीपीआई, सीपीएम, भाकपा माले, एमसीपीआई, एसयूसीआई (सी) के राष्ट्रव्यापी आवाह्न पर जिला के अंदर जन जागरण चलाकर आम लोगों की वह पार्टी कार्यकर्ताओं की हजारों हजार की संख्या में गोलबंदी कर वामदलों ने लहेरियासराय स्थित पोलो मैदान से प्रतिवाद मार्च निकालते हुए शहर के विभिन्न चौक चौराहा होते हुए जिला समाहरणालय पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया।

प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व सीपीआई जिला कार्यकारिणी सदस्य व किसान सभा के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी, सीपीएम नेता गोपाल ठाकुर, सीपीआई नेता भूषण मंडल, एमसीपीआई नेता विनोद झा, एस यू सी आई सी के मोहम्मद मुजाहिद ने किया।प्रतिवाद मार्च जिला समाहरणालय पहुंच कर पर आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन के उपरांत सभा में तब्दील हो गई। जहां पर सीपीआई सहायक जिला मंत्री सुधीर कुमार, सीपीएम नेता सुधीर कांत मिश्र, भाकपा माले नेता भूषण मंडल की अध्यक्षता में एक सभा हुई।

जिसको संबोधित करते हुए सीपीआई के जिला सचिव नारायण जी झा ने कहा कि देश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी और पेट्रोलियम पदार्थों की आसमान छूती कीमतों के खिलाफ वाम दलों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर जिला में 25 से 30 मई तक सघन आंदोलनात्मक अभियान चला और 30 मई को जिला मुख्यालयों पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन हुआ। केंद्र सरकार जनता की आंखों में धूल झोंकना बंद कर रही हैं। पेट्रोल व डीजल की बेतहाशा बढ़ी कीमतों में मामूली सी गिरावट करके वह अपना पीठ थपथपाना चाहती है.

मोदी सरकार रूस व उक्रेन युद्ध का बहाना बनाकर पेट्रोलियम पदार्थो की कीमत लगातार बढ़ाती गई। अब उसमें मामूली कमी कर की है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही गवाही देते हैं. मई 2014 में पेट्रोल पर केंद्रीय कर 9.48 रु. और डीजल पर 3.56 रुपया था। 21 मई 2022 को यह कर बढ़कर क्रमशः 27.90 व 21.80 रुपया हो गया। इसके खिलाफ तीखे आंदोलन के बाद फिलहाल यह टैक्स क्रमशः 19.90 व 15.80 रु. है।

यह टैक्स अब भी 2014 की तुलना में काफी अधिक है। इसलिए हमारी मांग है कि सरकार सभी प्रकार के अधिभार/उपकर को वापस लेकर पेट्रो पदार्थों की कीमत को पुराने स्तर पर लाए। इन पदार्थों पर तो कोई टैक्स लगना ही नहीं चाहिए। इसकी भरपाई के लिए सरकार को काॅरपोरेटों पर टैक्स लगाना चाहिए। पहले से कोविड व लाॅकडाउन की मार झेल रही आम जनता आज कमरतोड़ महंगाई की जबरदस्त मार झेलने को विवश है।

आमदनी तो बढ़ नहीं रही लेकिन महंगाई लगातार बढ़ रही है। गरीब, मध्यम वर्ग, प्राइवेट कंपनियों में नौकरी करने वाले, छोटे व्यवसायी आदि सभी तबके पेट्रोल-डीजल-गैस के दाम में अभूतपूर्व बढ़ोतरी से त्रस्त है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से परिवहन व माल ढुलाई अत्यंत महंगा हो गया है। विगत एक साल में पेट्रोलियम पदार्थों में 70 प्रतिशत, सब्जियों के दाम में 20 प्रतिशत, खाने के तेल में 23 प्रतिशत और अनाज के दाम में 8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

करोड़ों भारतीय का भोजन गेहूं की कीमत में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गेहूं विदेश भेजा जा रहा है और उसकी कम सरकारी खरीद का बहाना बनाकर जनवितरण प्रणाली से इसे गायब कर इसके बदले चावल देना तय किया गया है। केंद्र सरकार उल्टे आज राशन व राशन कार्ड निरस्तीकरण अभियान में लगी हुई है। यह भोजन के अधिकार पर हमला है। बिहार में 28 लाख 79 हजार राशन कार्ड रद्द कर दिए गए। इसे अविलम्ब वापस लिया जाना चाहिए। खाद्य व अन्य उपयोगी सामानों पर सरकार जनता के लिए विशेष पैकेज की गारंटी करे।

सीपीएम जिला सचिव अविनाश कुमार ठाकुर ‘मंटू’ ने कहा कि राज्य में बिजली बिल पहले की तुलना में कई गुना बढ़ गया है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में भी हो रहे खर्च में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। फीस से लेकर किताबें, यूनीफाॅर्म, स्टेशनरी, स्कूल बस भाड़ा में 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। मजबूरन लोगों को कर्ज लेना पड़ रहा है और वे लगातार कर्ज के भंवरजाल में फंसते जा रहे हैं। एक तरफ आम लोग भीषण महंगाई की मार झेल रहे हैं, ठीक इसी समय काॅरपोरेटों की संपत्ति में अकूत वृद्धि हो रही है। महंगाई से जनता को राहत प्रदान करने की बजाए दिल्ली व पटना की सरकर अपने खिलाफ बढ़ते जनअसंतोष को काले कानूनों से दबाने का प्रयास कर रही है। वह अपने एकाधिकारवादी-सांप्रदायिक एजेंडे को लागू करने का भरसक प्रयास कर रही है और देश में अमन-चैन के माहौल को खराब करने में लगी हुई है। सरकार के लोकतंत्र व संविधानविरोधी रवैये का वाम दल पुरजोर विरोध करते हैं।

वही माले नेता व इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नियाज अहमद ने कहा कि लगातार जिला में अपराधिक घटनाएं घट रही है। जिला और प्रदेश में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। दिन प्रतिदिन हत्या बलात्कार लूट आदि की घटनाएं घट रही है। प्रशासन के नाक के नीचे हत्या हो जाती है और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे रहती है। जिला में कई ऐसे घटनाएं घटी हैं। जिस पर प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। अभी भी हत्यारा पुलिस गिरफ्त से बाहर है। इस नीतीश मोदी की सरकार में अपराधी निरंकुश हो गया हैं। उसे जरा सा भी प्रशासन का डर भय नहीं है।

एमसीपीआई नेता निरंजन सिंह ने कहा कि बेरोजगारी अब तक के इतिहास में अपने सबसे उच्चतर दर पर है। सरकार बेरोजगारों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना रही है। आने वाले दिनों में विश्व का सबसे युवा देश सबसे बेरोजगारी वाला देश बनते जा रहा है। कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में 90% तक पद खाली है लेकिन सरकार इन पदों पर नई भर्ती के बदले सभी सरकारी संस्थानों को अपने उद्योगपति मित्रों के हाथों बेच रही है। सरकार की इस निजी करण नीति के कारण फिर यह देश एक कंपनी का गुलाम बनते जा रहा है।

एसयूसीआईसी के नेता सुरेंद्र दयाल सुमन ने कहा कि सरकार की सभी योजनाएं विफल है। सरकार अभिलंब सभी वृद्धजनों को वृद्धा पेंशन, विधवाओं को विधवापेंशन सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशन वही गृहविहीनो को घर, भूमिहीनों को जमीन दे अन्यथा वामदलो का संघर्ष और तेज होगा और जो सरकार सदन के अंदर देश के गरीब मजदूर के खिलाफ नीति बनाकर आम जनों का जीवन बर्बाद कर रही है। उसके खिलाफ वामदल सड़कों पर जोरदार संघर्ष करेगा।

वहीं सीपीएम राज्य सचिव मंडल सदस्य श्याम भारती ने कहा कि 5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस पर महागठबंधन के द्वारा आयोजित भाजपा-जदयू सरकार की असफलता के खिलाफ आयोजित कार्यक्रम में वाम दल के कार्यकर्ता पूरे जोर-शोर से भाग लेंगे। गांव स्तर पर उसकी तैयारी चल रही है। जाति जनगणना पर भाजपा के रूख से स्पष्ट है कि यह पार्टी दलितों-पिछडों के अधिकारों व उनके आरक्षण की घोर विरोधी है।

वामदल पेट्रोलियम पदार्थों पर सभी अधिभार/उपकर वापस लेने, पीडीएस में गेहूं आपूर्ति बहाल करने, पीडीएस सिस्टम को मजबूत करने, गैर आयकर भुगतान परिवारों को प्रत्यक्ष 7500 रु. प्रति माह प्रदान करने, शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना लागू करने, मनरेगा आवंटन में वृद्धि करने, बेरोजगारी भत्ता कानून बनाने, सभी रिक्त पदों पर भर्ती, बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों को उजाड़ने पर रोक लगाने तथा तमाम उपभोक्ताओं को 200 यूनिट फ्री बिजली देने की भी मांग करती है।

सभा को सीपीआई के प्रोफेसर शबीर अहमद बेग, राम श्रृंगार सिंह, सुधीर कुमार राय, राम उदगार साह, रामनाथ पासवान, राजू मिश्रा, हर्ष राजवर्धन सिंह, शशि रंजन सिंह, शरद कुमार सिंह, गौतम कांत चौधरी, आशुतोष मिश्र, मणिकांत झा, विश्वनाथ मिश्र, बैजनाथ साह, शिव कुमार सिंह, वीरेंद्र झा, जिवछ पंडित, दिलीप भगत, राम सागर पासवान, दिनेश झा, प्रमोद कुमार सिंह, अनिल पासवान, सुबोध चौधरी, सुनील शर्मा, रामप्रीत राम, शिव कला देवी, सुशीला देवी, महेश दुबे, अनिल महाराज, शिव नारायण यादव, भाकपा(माले) नेता अभिषेक कुमार, नेयाज अहमद, सदीक भारती, भोला जी, माले युवा नेता देवेन्द्र कुमार, खेग्रामस जिला अध्यक्ष जंगी यादव, जिला कमिटी सदस्य हरि पासवान, शनिचरी देवी, विनोद सिंह, संतोष यादव, साधना शर्मा, रंजन सिंह, सबिता देवी, रामाशंकर साहनी, शत्रुध्न पासवान, मो जमालुद्दीन, एमसीपीआई प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, कमल ठाकुर, मोहम्मद बबलू, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद वसीम, एसयुसीआईसी के लाल कुमार आदिने संबोधित किया।

सभा के उपरांत एक बाम दलों का शिष्टमंडल जिला अधिकारी से मिलकर मांग पत्र सौंपा वहीं जिला अधिकारी से वार्ता कर सभी मांगों पर अपने स्तर से विचार कर उसे निष्पादन करने को कहा गया वहीं ऊपरी स्तर के मांगों को अग्रसारित करने की अपील की गई जहां जिला अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि सभी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर सभी मांगों का निष्पादन अभिलंब किया जाएगा शिष्टमंडल में वाम दलों के नेता नारायण जी झा, राजीव कुमार चौधरी, अविनाश ठाकुर मंटू, श्याम भारती, निरंजन सिंह, लाल कुमार, नियाज अहमद, हरि पासवान थे।