#MNN@24X7 दरभंगा, डा श्रीशंकर झा की अध्यक्षता मे महाकवि विद्यापति की स्मृति दिवस मिथिला लेखक मंच द्वारा मनाया गया। चन्द्रेश के नेतृत्व में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ इन्हीं के आवासीय परिसर में आयोजित संगोष्ठी हुआ।

डा टून टून झा ने भारत और नेपाल में संविधान सम्मत मिथिला राज्य की स्थापना के लिए संघर्षरत रहना चाहिए।

प्रोफेसर श्रीउदय शंकर मिश्र ने कहा कि महाकवि विद्यापति ने जिस तरह राजसत्ता से जुड़ कर अपने साहित्य का विस्तार किया और मैथिली भाषा को राजश्रय दिलाया। वर्तमान समय में शास्त्रीय भाषा के रूप में अनदेखी कर दिया गया। राजभाषा और स्कूली शिक्षा में मैथिली को मान्यता नहीं मिली है। हमलोगों को मिलकर लरना होगा।

इस अवसर पर काठमांडू के प्रोफेसर परमेश्वर कापड़ी को सम्मानित किया गया जो मिथिला राज्य आन्दोलन में गोली लग चूका है 2012 में जनकपुर में। ये आन्दोलन में आज भी लगे हुए हैं। साथ ही नेपाल के अमर कान्त अमर प्रमुख पत्रकार जनकपुर को सम्मानित किया गया।

सुबेदार नंदकिशोर साहु ने गोस्वानिक गीत गाए। विनोद कुमार हसौरा, डा राजकिशोर झा, वैद्यनाथ विमल, डा विजय शंकर झा, डा शंभू कान्त झा, प्रो चन्द्रमोहन परवा, डा चौधरी हेमचंद्र राय।धन्यवाद ज्ञापन डा योगानंद झा ने किया।