●महारानी कल्याणी महाविद्यालय के एकदिवसीय दौरे को संपन्न कर वापस लौटे विकास वैभव।
●महाविद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया और पूरे महाविद्यालय का भ्रमण किया।
#MNN@24X7 लनामिवि दरभंगा, आज दिनांक 17 जून को स्थानीय महारानी कल्याणी महाविद्यालय परिसर में लेट्स इंस्पायर बिहार के प्रधान और बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी सह आईजी विकास वैभव, लेट्स इंस्पायर बिहार के दरभंगा समन्वयक अमन राज, समन्वयक उद्यमिता अध्याय के द्वारा विक्रम झा के द्वारा महाविद्यालय कैंपस में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित हुआ।
महाविद्यालय के प्रथम दौरे पर आये लेट्स इंस्पायर के प्रधान सह बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी सह आईजी विकास वैभव ने सबसे पहले महाविद्यालय कैंपस में वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। वृक्षारोपण के तदोपरांत अपनी ओर से संदेश जारी करते हुए कहा कि मिथिला से मेरा गहरा रिश्ता है क्योंकि दिनकर की भूमि पतित पाविनी गंगा के तट पर अवस्थित बेगूसराय मेरा जन्मस्थली है और बाबा नागार्जुन की भूमि दरभंगा वर्षों तक मेरा कर्मस्थली रहा है। एनआईए में जाने से पूर्व मैं पुलिस अधीक्षक के पद पर दरभंगा में रहा हूँ। आज भी मेरा यह यात्री मन इस शहर में आकर रोमांचित व भावुक हो उठता है, इतनी यादें इस शहर से जुड़ी हुई है। आज बिहार के नम्बर वन विश्वविद्यालय मिथिला विश्वविद्यालय के महारानी कल्याणी महाविद्यालय में आने का मौका मिला है। मैं इस महाविद्यालय के ग्रीन कैंपस को देखकर गर्व महसूस कर रहा हूँ कि महाविद्यालय हरित पर्यावरण का तो संदेश दे ही रही है साथ ही कैंपस में अवस्थित जलाशय कैंपस के सुंदरता को मानो चार चांद लगा रहा हो। आज देखकर मैं अभीभूत हो गया हूँ। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. मो. रहमतुल्लाह धन्यवाद के पात्र हैं जो महाविद्यालय को एक उद्यान बनाकर रखे हुए हैं। मैं उनके जज्बे को सलाम करता हूँ। साथ ही इस महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मी, छात्र व छात्रा सभी का आभार व्यक्त करता हूँ कि आप सौभाग्यशाली हैं कि आप इस महाविद्यालय का अंग बनने का मौका आप सबों को प्राप्त हुआ है। लेट्स इंस्पायर बिहार की मुहिम और इस महाविद्यालय की समान मुहिम देखकर आज यात्री मन को सकून मिला कि बिहार इस मुहिम में सिर्फ विकास वैभव ही नहीं बल्कि सारा बिहार एक साथ है। हम बिहारियों का सर्वप्रथम कर्तव्य है कि आईये मिलकर प्रेरित करें बिहार के नवनिर्माण में सदैव अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की शपथ लेते हैं।
बिहार की धरती का व खासकर मिथिला की धरती का सनातन काल से इतिहास स्वर्णिम रहा है। जगतजननी मां जानकी, भगवान बुद्ध की धरती, भगवान महावीर की धरती, बाबा विद्यापति की धरती, दिनकर की धरती, मिथिला की धरती, अंग की धरती, राजगीर की धरती, नालंदा की धरती आदि से जुड़ा हुआ इतना इतिहास बिहार सहेजे हुआ है कि उसकी चर्चा करूँ तो सुबह से शाम और शाम से सुबह हो जाय तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार द्वारा आगत अतिथियों को मिथिला के पारंपरिक परिधान पाग, चादर, मखाना का माला आदि देकर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. शम्से आलम, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आलोक प्रभात, मनोविज्ञान शिक्षक डॉ. संजय कुमार महतो, लेखापाल विमल कुमार, सहायक शेखर चौधरी, शाहनवाज अनवर अंसारी, डॉ. धीरेंद्र कौशल, विकेश कुमार, राकेश कुमार, ओम प्रकाश शाह, राजेश कुमार, जितेंद्र कुमार व श्याम कुमार, अतुल्य राज, रंजन कुमार समेत कई छात्र-छात्रा उपस्थित थे।