#MNN@24X7 सूरत। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुरुवार को एक बड़ा कानूनी झटका लगा. सूरत की एक सेशंस कोर्ट ने मानहानि के एक मुकदमे में उन्हें दो साल की सजा सुनाई है. हालांकि, राहुल गांधी को सजा की घोषणा के थोड़ी देर बाद ही जमानत मिल गई. बता दें कि 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा के दौरान उन्होंने कथित तौर पर ‘मोदी सरनेम’ को लेकर एक टिप्पणी की थी. जिसको लेकर विवाद था. उन्होंने कहा था कि ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी ही कैसे हो सकता है?’. इस टिप्पणी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. पिछले हफ्ते, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनीं थी. उन्होंने उसी दिन चार साल पुराने इस केस में 23 मार्च को फैसला सुनाने की बात कही थी. गुरुवार को मजिस्ट्रेट ने राहुल गांधी को मानहानि का दोषी करार दिया. इसके साथ ही आईपीसी की धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई. हालांकि, गैर-संज्ञेय अपराध होने के कारण 15 हजार के मुचलके पर राहुल गांधी को तुरंत ही जमानत मिल गई.

इस मामले में राहुल 30 दिनों के अंदर सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं. आईपीसी की धारा 504 लोगों को अपमान जनक शब्दों से संरक्षण का अधिकार देती हैं. इस धारा में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति लोकशांति भंग कराने के उद्देश्य से कुछ ऐसे शब्द कहता है जो किसी अन्य व्यक्ति को प्रकोपित कर सकता है और उसे लोकशांति भंग करने के लिए उसका सकता है तो ऐसे व्यक्ति को अधिकतम दो साल की कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जायेगा.