दरभंगा: दरभंगा की कोर्ट में हत्या के 13 साल बाद आये फैसले में 7 महिलाओं को उम्र कैद की सजा दी गई है। इस फैसले के बाद पीड़ित परिजनों का कहना है कि कानून के घर देर है, पर अंधेर नहीं।
दरअसल, दरभंगा व्यवहार न्यायालय के एडीजे नवम संजीव कुमार सिंह की अदालत ने यह सजा सुनाई है। इन सभी महिलाओं पर एक 10 साल की मासूम बच्ची के पीट-पीटकर हत्या का आरोप है। वर्ष 2009 में 12 सितंबर को हायाघाट थाने के छतौना गांव में बच्ची की हत्या की गई थी। मामले में उम्र कैद के साथ-साथ सभी दोषियों पर 10 – 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त 1 साल जेल में रहना पड़ेगा।
ये सभी महिलाएं हायाघाट थाना क्षेत्र के छतौना की रहने वाली हैं। जिन महिलाओं को सजा सुनायी गयी है उनमें छतौना निवासी दुखी देवी, मुनर देवी, मुखनी देवी, भलभोगिया देवी, गीता कुमारी, इंदु देवी व चमुरण देवी हैं। इसके अलावा इन्हें धारा 147 के तहत भी एक-एक वर्ष कैद की सजा सुनाई गयी है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विष्णु कांत चौधरी व रेणु कुमारी ने केस में पैरवी की। लोक अभियोजक ने बताया कि अभियुक्तों के विरुद्ध उसी गांव के योगेंद्र यादव ने अपनी 10 वर्षीया पुत्री राजवती कुमारी की हत्या का आरोप लगाते हुए 13 सितंबर 2009 को हायाघाट थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
मामला जमीन विवाद का था। प्राथमिकी में कहा गया था कि 12 सितंबर 2009 को जब उनकी पुत्री खाना लेकर आ रही थी, इन महिलाओं ने उसे बुरी तरह मारा-पीटा। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गयी। उसे हायाघाट पीएचसी ले जाया गया। वहां इलाज के दौरान देर रात उसकी मौत हो गयी।