#MNN@24X7 मिथिला विभूति पर्व स्वर्ण जयंती समारोह का शुभारंभ।
डा नागेन्द्र झा स्टेडियम में लगातार तीन दिनों तक बहेगी साहित्य, संगीत और पारंपरिक संस्कृति की बयार।
#MNN@24X7 बिहार सरकार द्वारा राजकीय पर्व के रूप मे घोषित कवि कोकिल विद्यापति के निर्वाण दिवस कार्तिक धवल त्रयोदशी पर आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व के स्वर्ण जयंती समारोह का शुभारंभ रविवार 6 नवंबर को पूर्वाह्न 10 बजे विद्यापति चौक स्थित महाकवि कोकिल विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ होगी।
जबकि महाकवि विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने उपरांत मिथिला के पारंपरिक परिधान में भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें शोभायात्रा प्रभारी विनोद कुमार झा एवं प्रो विजय कांत झा के नेतृत्व में शहर के लालबाग स्थित लक्ष्मीश्वर पुस्तकालय से निकलने वाली मिथिला के गौरवशाली परंपरा को बयां करती आकर्षक झांकियां शहर के विभिन्न मार्गों व चौक-चौराहों से होते हुए वाया शास्त्री चौक व दरभंगा रेलवे स्टेशन होते हुए विद्यापति चौक पर पहुंचेगी।
गौरवशाली परंपरा व संस्कृति पर आधारित झांकी के साथ कलश लेकर चलने वाली 108 महिलाओं की कतार आकर्षण का केंद्र बनेगी।
जानकारी देते हुए विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बताया कि मनोहारी झांकियों के साथ निकलने वाली यह शोभा यात्रा विद्यापति चौक से आकाशवाणी रोड होते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर, कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय परिसर, केंद्रीय पुस्तकालय होते हुए श्यामा मंदिर पहुंचेगी ।
इस क्रम में इस मार्ग में पड़ने वाले मिथिला विभूतियों क्रमशः पंडित सुरेंद्र झा ‘सुमन’, पूर्व सांसद स्व भोगेन्द्र झा, महाराज महेश ठाकुर, महाराज रमेश्वर सिंह, ललित नारायण मिश्र, डा भीमराव अम्बेडकर,महाराज कामेश्वर सिंह, महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह, बाबा नागार्जुन आदि की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि शोभा यात्रा में मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के अभियानी भी शामिल होंगे। अभियानी अपने हाथ में मिथिलाक्षर में लिखी तख्ती रखेंगे, ताकि आम लोगों को मिथिलाक्षर सीखने के प्रति जागरुक किया जा सके।
शोभायात्रा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुरेन्द्र प्रताप सिंह, कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा, पूर्व विधान पार्षद डा दिलीप कुमार चौधरी व डा विनोद कुमार चौधरी, दरभंगा की पूर्व मेयर वैजयन्ती खेड़िया आदि भी शामिल होंगे।
प्रथम दिन के संध्याकालीन कार्यक्रम की शुरुआत महाकवि कोकिल विद्यापति की रचनाओं की सुमधुर प्रस्तुतियों के साथ होगी। तदुपरांत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के आधार पर चयनित व्यक्तियों को मिथिला विभूति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा और इसके बाद विद्यापति संगीत पर आधारित भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें नवोदित कलाकारों से लेकर मैथिली मंच के स्थापित कलाकार अपनी प्रतिभा का जादू बिखेरेंगे।
समारोह के दूसरे दिन ‘मिथिला राज्यक औचित्य’ विषयक राष्ट्रीय सेमिनार एवं भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। समारोह के तीसरे दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
डा. बैजू ने बताया कि यह साहित्यिक एवं सांस्कृतिक महाकुंभ यादगार होगा। इसमें आम मिथिला वासी से लेकर भारी संख्या में पड़ोसी देश नेपाल एवं प्रवासी मैथिल भाग लेंगे। जबकि कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिएबिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, बिहार सरकार के मंत्री संजय झा, प्रो चंद्रशेखर, ललित कुमार यादव, मदन सहनी, पूर्व मंत्री जीवेश मिश्र, डॉ. राम प्रीत पासवान, , केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ. सीपी ठाकुर एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा, लोकसभा सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर, डॉ. अशोक कुमार यादव, राज्य सभा सांसद विवेक ठाकुर, नगर विधायक संजय सरावगी, बेनीपुर विधायक डॉ विनय कुमार चौधरी, केवटी विधायक मुरारी मोहन झा, पूर्व विधान पार्षद डॉ. दिलीप कुमार चौधरी, पूर्व विधान पार्षद डॉ. विनोद कुमार चौधरी, अलीनगर के विधायक मिश्री लाल यादव आदि शामिल होंगे।
आयोजन की सलाहकार समिति के अध्यक्ष सह सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजक पं कमलाकांत झा ने बताया कि तीनों दिन आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम दर्शकों के विशेष आकर्षण का केंद्र बनेंगे। इसमें नवोदित कलाकारों से लेकर मैथिली मंच के स्थापित कलाकार तक अपनी दमदार प्रस्तुति देंगे। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में रंजना झा, मैथिली ठाकुर, डा ममता ठाकुर, पूनम मिश्रा, जूली झा, पं कुंज बिहारी मिश्र, राम बाबू झा, माधव राय, कन्हैया, दुखी राम रसिया, दीपक कुमार झा, नीरज कुमार झा, डा सुषमा झा, अनुपमा मिश्र आदि की प्रस्तुति के साथ सृष्टि फाउंडेशन एवं नटराज डांस एकेडमी के कलाकारों के साथ ही प्रसिद्ध नृत्यांगना नलिनी सिंह एवं मनोरमा मैथिली द्वारा प्रस्तुत नृत्य आकर्षण के केन्द्र में रहेगी।
स्वागत महासचिव प्रो. जीवकांत मिश्र ने बताया कि मिथिला लोक-चित्रकला प्रतियोगिता 2022 के परिणाम की घोषणा 8 नवम्बर को दिन में होगी। जबकि पुरस्कार वितरण मुख्य समारोह में इसी दिन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समारोह के अंतिम दिन इस बार मिथिला व्यंजन मेला का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें लोग मिथिला के पारंपरिक लजीज व्यंजन के स्वाद का लुत्फ़ उठा सकेंगे।