सर्वसम्मति से सभी 7 एजेंडों के साथ ही अन्य छात्रहित के प्रस्ताव को दी गई स्वीकृति।
#MNN24X7 दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विद्वत परिषद् की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम, नामांकन समिति की बैठक, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान द्वारा बी लिस एवं एम लिस, सेमेस्टर सिस्टम की पढ़ाई के साथ बोर्ड ऑफ स्टडीज की अनुसंशाओं एवं दंतचिकित्सा में पीएच डी उपाधि नियमानुसार दिए जाने पर विचार- विमर्श हुआ। सर्वसम्मति से सभी सदस्यों ने इन प्रस्तावों को अनुमोदित किया।
अन्यान्य मदों में विज्ञान संकायाध्यक्ष द्वारा प्रस्तावित डिप्लोमा कोर्सों के प्रारंभ किए जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित किया गया। उच्च शिक्षा परिषद् द्वारा एमएसडब्ल्यू तथा बीएसडब्ल्यू के पाठ्यक्रमों की मंजूरी दिए जाने पर विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई शुरू करने की सहमति बनी। मुख्य रूप से नए पाठ्यक्रमों एवं सेमेस्टर सिस्टम पर गहन विचार- विमर्श हुआ तथा विश्वविद्यालय की नैक से संबंधित तैयारी से भी सदस्यों को अवगत कराया गया।
बैठक में विगत विद्वत परिषद् की बैठक की कार्यवृत्त की संपुष्टि के साथ ही उपरोक्त सात एजेंटों को अनुमोदित किया गया। यह बैठक ऑनलाइन मोड में आहूत की गई थी, जिसमें 30 से अधिक प्रधानाचार्यों, विभागाध्यक्षों, संकायाध्यक्षों एवं अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह ने कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में 4 वर्षीय स्नातक कोर्स के साथ, कई अन्य कोर्सों को भी सीबीसीएस सिस्टम में परिवर्तित किया गया है जो छात्रहित में है और कई नए विषयों के कोर्सों में परिवर्तन भी किए गए हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हो सके।
बैठक के प्रारंभ में कुलसचिव प्रो मुश्ताक अहमद ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए बैठक की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो प्रेम मोहन मिश्रा, मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो ए के बच्चन, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो पी सी मिश्रा, प्रधानाचार्य डा बी के चौधरी, भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो अरुण कुमार सिंह आदि ने भी अपने सुझाव दिये।