केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा संचालित वार्षिक सर्टिफिकेट कोर्स में कोई भी दसवीं पास छात्र- छात्रा या महिला- पुरुष ले सकते हैं ऑनलाइन नामांकन।
मात्र 1200 रुपए शुल्क भुगतान से ही होगा कोर्स में नामांकन, अध्यापन तथा अध्ययन- सामग्री की उपलब्धता- डा घनश्याम।
कोर्सों में अब तक 20 से अधिक हुआ नामांकन, नवंबर के प्रथम सप्ताह से होगा ऑनलाइन तथा ऑफलाइन वर्गारंभ- डा चौरसिया।
कोर्स का ऑफलाइन वर्ग पीजी संस्कृत विभाग में दिन के 3 से 4:30 बजे तथा ऑनलाइन वर्ग संध्या 7 से 8 बजे के बीच होंगे संचालित- अमित झा।
#MNN@24X7 दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा स्थापित ‘अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र’ के वार्षिक सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्सों में ऑनलाइन नामांकन की तिथि 31 अक्टूबर तक विस्तारित की गई है। ज्ञातव्य है कि पीजी संस्कृत विभाग में गत वर्ष अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र की स्थापना की गई थी तथा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह के आदेश से 51 नामांकन हुआ था। इस कोर्स में कोई भी दशवीं कक्षा उत्तीर्ण, किसी भी विषय के छात्र- छात्रा, किसी भी अवस्था के महिला- पुरुष ऑनलाइन नामांकन ले सकते हैं। यदि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई हो तो विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में नामांकन फॉर्म भरकर वे राशि जमा कर सकते हैं। विभाग द्वारा उनका ऑनलाइन नामांकन कर दिया जाएगा।
औपचारिक संस्कृत शिक्षण की सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्सों में नामांकन की समीक्षा तथा ऑफलाइन एवं ऑनलाइन वर्गारंभ के उद्देश्य से स्नातकोत्तर संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो की अध्यक्षता में विभागीय शिक्षकों- शिक्षकेत्तर कर्मियों तथा शोधार्थियों- विद्यार्थियों की एक बैठक हुई, जिसमें केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया, विभागीय शिक्षिका- डा ममता स्नेही तथा डा मोना शर्मा, अनौपचारिक संस्कृत शिक्षक अमित कुमार झा, डा कुमारी स्नेह लता आर्या, बृजेश कुमार राय, सदानंद विश्वास, सोनाली मंडल, मणिपुष्पक घोष, नीरज कुमार सिंह, प्रशांत कुमार झा, मंजीत कुमार चौधरी, मंजू अकेला, उदय कुमार उदेश तथा योगेन्द्र पासवान आदि उपस्थित थे।
विभागाध्यक्ष डॉ घनश्याम महतो ने बताया कि मात्र ₹1200 शुल्क भुगतान में ही कोई भी व्यक्ति इस कोर्स में नामांकन लेकर अध्यापन तथा अध्ययन सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। यह मिथिला क्षेत्र के छात्र- छात्राओं, अभिभावकों एवं महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। वे इस कोर्स में नामांकन लेकर न केवल संस्कृत बोलना सीखेंगे, बल्कि व्याकरण का भी अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लाभांवित हो सकेंगे।
अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र के केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया ने बताया कि उक्त कोर्सों में अब तक 20 से अधिक ऑनलाइन नामांकन हो चुके हैं।
आगामी 31अक्टूबर तक कोर्स में नामांकित हेतु तिथि विस्तारित की गई है। नामांकित सभी व्यक्तियों का नवंबर के प्रथम सप्ताह से विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में अपराह्न काल में ऑफलाइन तथा संध्या काल में ऑनलाइन वर्गारंभ किया जाएगा। नामांकित सभी प्रतिभागियों को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से प्राप्त 2000 रुपए मूल्य की पांच पुस्तकें विभाग द्वारा निःशुल्क प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि नामांकन के इच्छुक कोई भी व्यक्ति विभाग में आकर अथवा केन्द्राधिकारी से 99054 37636 अथवा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा नियुक्त अनौपचारिक संस्कृत- शिक्षक से 6005 312 770 नंबर पर बात कर सकते हैं।
विभागीय शिक्षिका डा ममता स्नेही ने स्वागत करते हुए बताया कि नामांकन हेतु मैं छात्रों एवं शोधार्थियों के बीच जागरुकता लाने का प्रयास कर रही हूं। अब तक संस्कृत के साथ ही हिन्दी, समाजशास्त्र, वाणिज्य, विज्ञान आदि के कई छात्र- छात्राओं ने नामांकन लिया है। कोर्स का संचालन केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की छात्रोपयोगी पहल है, जिसका लाभ उन्हें भरपूर उठाना चाहिए।
विभागीय शिक्षिका डा मोना शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कोर्स संचालन पर प्रसन्नता व्यक्त किया और कहा कि इसे संस्कृत न पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं एवं अभिभावकों को भी काफी लाभ होगा।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त अनौपचारिक संस्कृत शिक्षक अमित कुमार झा ने बताया कि कोर्स में नामांकन लेने वालों का ऑफलाइन वर्ग पीजी संस्कृत विभाग में अपराह्न 3:00 से 4:30 के बीच तथा ऑनलाइन वर्ग संध्या 7:00 से 8:00 बजे के बीच संचालित होंगे, जिसमें कोई भी व्यक्ति दोनों में से कोई एक वर्ग अथवा दोनों वर्गों में भाग ले सकते हैं।