विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्य नैक सहित सभी विभागीय कार्यों को प्राथमिकता से करें सम्पादन- कुलपति।
कुलपति के निर्देशानुसार प्रत्येक पीजी विभाग में होगी एक महिला शिक्षिका, ताकि छात्राओं को न हो किसी प्रकार की कठिनाई- कुलसचिव।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के सभाकक्ष में सभी स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों एवं स्ववित्त पोषित संस्थानों के निदेशकों की नैक के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।
कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि विभागाध्यक्ष एवं निदेशक अपने अधीन सभी कर्मियों से नैक सहित सभी विभागीय कार्यों को संपादित कराएं। जिन कार्यों के लिए कर्मी बहाल हुए हैं, यदि वे उन्हें उचित ढंग से नहीं करते हैं तो उसकी शिकायत विश्वविद्यालय से करें, ताकि विश्वविद्यालय उन कर्मियों पर उचित कार्रवाई कर सके।
साथ ही विभागाध्यक्ष विभागीय दिक्कतों से भी विश्वविद्यालय को अवगत कराते रहें, जिससे कि समय पर उनकी समस्याओं का निदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का नैक शीघ्र कराना अत्यावश्यक है। विश्वविद्यालय- परिवार के सभी सदस्य नैक के कार्यों को प्राथमिकता से संपादित करें।
कुलपति ने विभागाध्यक्षों एवं निदेशकों को निर्देश दिया कि वे विश्वविद्यालय- परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में सभी शिक्षकों एवं कर्मियों से सहयोग लेते हुए नैक सहित अन्य सभी विभागीय कार्यों को प्राथमिकता से संपादित करें तथा संबंधित विभाग द्वारा मांगे गए डाटा एवं सूचनाओं को ससमय उपलब्ध कराएं।
सदस्यों का स्वागत करते हुए कुलसचिव प्रोफ़ेसर मुश्ताक अहमद ने कहा कि अब नैक मूल्यांकन में 70% पॉइंट सिर्फ डाटा आधारित होते हैं, जबकि मात्र 30 प्रतिशत पॉइंट ही भौतिक निरीक्षण पर प्रदान किए जाते हैं। नैक विश्वविद्यालय का नाक होता है, जिसके बेहतर ग्रेड हेतु सभी विभागाध्यक्षों, निदेशकों, शिक्षकों, कर्मियों तथा पदाधिकारियों का पूर्ण सहयोग आवश्यक है।
उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे नैक संबंधी सूचनाएं भेजने में तत्परता दिखाएं, ताकि समय पर उसे आगे प्रेषित किया जा सके। कम से कम जो हमारे पास भौतिक सुविधाएं एवं विशिष्टताएं उपलब्ध हैं, उन्हें हम बेहतर ढंग से जरूर दिखाएं। इस कार्य में एक विभाग के अध्यक्ष दूसरे विभागाध्यक्ष को भी सकारात्मक सहयोग करें। कुलसचिव ने बताया कि कुलपति महोदय के निर्देशानुसार हर स्नातकोत्तर विभाग में कम से कम एक महिला शिक्षिका अवश्य होगी, ताकि छात्राओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विश्वविद्यालय आइक्यूएसी के निदेशक डा जिया हैदर ने कहा कि कुलपति महोदय का निर्देश है कि दिसंबर तक हम सभी डाटा एवं सूचनाएं नैक को भेज दें, ताकि फरवरी माह तक विश्वविद्यालय का नैक मूल्यांकन हो सके। इसके लिए हमें सभी प्राप्त विभागीय सूचनाएं व डाटा संबंधी एसएसआर नवंबर तक तैयार करना होगा।
डा हैदर ने बताया कि 1000 अंकों के मूल्यांकन में 60% से अधिक डाटा विभागों से संबंधित हैं। विभागों की उत्कृष्टता पर ही नैक ग्रेड बेहतर होगा। इसके लिए जियो टैग फोटो तथा मास्टर रूटीन की भी आवश्यकता है। सभी डाटा का सपोर्टिंन डाक्यूमेंट्स लगाना जरूरी है। हमें नैक में बेहतर करने हेतु एक मुहिम चलाना होगा। नैक तैयारी की प्रक्रिया सतत चलानी होगी, जिसके अंतर्गत छात्र एवं शिक्षकों का फीडबैक फॉर्म भरवाना भी आवश्यक है। स्टूडेंट सेटिस्फेक्शन में 30 अंक निर्धारित हैं। कुल नामांकित छात्रों का 10% या कम से कम 500 छात्रों का फीडबैक आना आवश्यक है।
बैठक में राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो जीतेन्द्र नारायण, जन्तु विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो शिशिर कुमार वर्मा, रासायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो प्रेम मोहन मिश्र, मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो रमेश झा, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो मंजू राय तथा गणित विभागाध्यक्ष डा अयाज अहमद आदि ने भी संबंधित बातें रखें। बैठक में विभिन्न स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों तथा संस्थानों के निदेशकों के साथ ही डा अवनि रंजन सिंह, प्रो अशोक कुमार मेहता, डा दिवाकर झा व डा आर एन चौरसिया आदि भी उपस्थित थे।