लैंग्वेज लैब की स्थापना से मिथिला विश्वविद्यालय के ही नहीं, अन्य क्षेत्रों के विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों को होगा अत्यधिक लाभ- प्रो बच्चन।

लैंग्वेज लैब के संचालन से मिथिला क्षेत्र के युवाओं के अंग्रेजी कम्युनिकेशन स्किल्स होगा विकसित, जिससे रोजी- रोजगार प्राप्ति में होगी सुविधा- प्रो पुनीता।

#MNN@24X7 ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में नव उद्घाटित बिहार के प्रथम एडवांस रिसर्च सेंटर में स्थापित लैंग्वेज लैब के समुचित संचालन हेतु कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह के आदेश से प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें लैंग्वेज लैब के कोऑर्डिनेटर प्रो ए के बच्चन, फॉरेन लैंग्वेजेज की निर्देशिका प्रो पुनीता झा, सी एम साइंस कॉलेज के अंग्रेजी- प्राध्यापक योगेश्वर साह, जे के कॉलेज, नेहरा के डा बिन्दुनाथ झा तथा अंग्रेजी- प्राध्यापक सह शोधार्थी कृष्णानंद मिश्र आदि शामिल हैं।

अहमदाबाद से श्रेयस शंकर ने ऑनलाइन माध्यम से गहन प्रशिक्षण दिया, जबकि राम भरत चौहान तकनीकी सहायक के रूप में लैंग्वेज लैब में उपस्थित होकर सक्रिय सहयोग किया। प्रशिक्षण में कम्युनिकेशन स्किल्स, अंग्रेजी ग्रामर के साथ ही सही से अंग्रेजी बोलना, लिखना, पढ़ना, समझना, विश्लेषण करना सहित सभी अनिवार्य कुशलताओं का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण कल भी जारी रहेगी।

विश्वविद्यालय मानविकी संकायाध्यक्ष सह लैंग्वेज लैब के कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर ए के बच्चन ने एडवांस रिसर्च सेंटर की स्थापना हेतु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह तथा कुलसचिव प्रोफ़ेसर मुश्ताक अहमद के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लैंग्वेज लैब के संचालन से मिथिला विश्वविद्यालय के साथ ही अन्य क्षेत्रों के विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों को अत्यधिक लाभ होगा। इससे बिहार में अंग्रेजी भाषा को बढ़ावा दिए जाने में काफी सहायता मिलेगी।

प्रशिक्षण के बाद कुलपति के आदेश से शीघ्र ही लैंग्वेज लैब में कार्य प्रारंभ होगा, ताकि लोग इसका अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।लैंग्वेज लैब में उन्हें बुलाकर विविध जानकारियां एवं संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण में आज पूर्वाह्न 11:00 से 2:00 बजे के बीच गहन प्रशिक्षण दिया गया।

अंग्रेजी की प्राध्यापिका सह फॉरेन लैंग्वेज की निर्देशिका प्रो पुनीता झा ने बताया कि इस क्षेत्र के छात्रों का अन्य विषयों में बेहतर प्रदर्शन के बावजूद अंग्रेजी की कमजोरी के कारण काफी कठिनाइयां होती हैं। इस लैंग्वेज लैब के संचालन से उनका अंग्रेजी ग्रामर के साथ ही अंग्रेजी बोलने, लिखने तथा समझने में व्यापक सुधार होगा, जिससे उन्हें रोजी- रोजगार की प्राप्ति में भी काफी सुविधा होगी।